MP Vyapam: व्यापम के पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में एक अभ्यर्थी और सॉल्वर को 4 साल की सजा और जुर्माना
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: December 20, 2023 01:59 PM2023-12-20T13:59:41+5:302023-12-20T16:13:00+5:30
व्यापम द्वारा आयोजित पीसीआरटी 2013 से जुड़े एक मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में एक अभ्यर्थी और सॉल्वर को सजा सुनाई है। 10 साल बाद स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई की दायर मामले में ग्वालियर कोर्ट ने अभ्यर्थी सतेंद्र सिंह यादव और सॉल्वर जितेंद्र कुमार दोनों को 4 साल की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई।
व्यापम द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाने के साथ 14,100 का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई ने कोर्ट के आदेशों के तहत 18 अगस्त 2015 को एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था। पुलिस स्टेशन कंपू ग्वालियर में दर्ज हुई शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ था। सीबीआई ने पूरे मामले की जांच को हाथ में लिया था और 15 सितंबर 2013 को व्यापम द्वारा आयोजित एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 में गड़बड़ी करने वाले आरोपी को पकड़ा था। शिकायत के मुताबिक 1 फरवरी 2014 को 14 वी बटालियन एसए एफ ग्राउंड ग्वालियर में आयोजित एमपीपीसीआरटी 2013 की शारीरिक दक्षता परीक्षा में गलत उम्मीदवार उपस्थित हो रहे हैं। फोटो के कारण वहां तैनात अफसरों ने सॉल्वर को पकड़ लिया। जांच के बाद राज्य पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआई जांच में पाया गया की मधुराज सिंह पीसीआरटी 2013 की लिखित परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए थे सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ 26 अप्रैल 2016 को पहले पूरक आरोप पत्र दायर किया । स्पेशल कोर्ट व्यापम मामले की सुनवाई करने वाले ग्वालियर ने 24 दिसंबर 2018 के फैसले में उम्मीदवार छात्र मधुराज सिंह को जुर्माने के साथ 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी थी जांच के दौरान या पाया गया कि एक अन्य उम्मीदवार सतेंद्र सिंह यादव को पीसीआरटी 2013 में जितेंद्र के द्वारा मदद की गई थी। इसलिए सीबीआई ने 15 मई 2018 को ग्वालियर की अदालत के समय आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया । ट्रायल कोर्ट ने आरोप पत्र के आधार पर आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।