यूपी में बिजली ठीक करते हुए हर रोज होती है 3 कर्मचारियों की मौत, अब तक जा चुकी है 3491 की जान
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 25, 2018 04:03 PM2018-01-25T16:03:15+5:302018-01-25T16:18:46+5:30
पांच सालों में साल 2012-13 से लेकर 3491 ठेका कर्मचारियों की बिजली संभालते मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में तेजी से बिजली ठीक करने वाले कर्मचारियों की होने वाली मौत का आंकड़ा पिछले पांच सालों में तेजी से बढ़ा है। इन मौतों के पीछे चरमराती सरकारी व्यवस्थाएं भी जिम्मेदार हैं। यूपी में बिजली सुधारते हुए होने वाली मौतों के आंकड़े हाल ही में पेश किए गए हैं जो बेहद चौंकाने वाले हैं। पिछले पांच सालों की यदि हम बात करें तो करीब साढ़े तीन हजार लोग राज्य की बिजली व्यवस्था को दुरूस्त करने में अपनी जान गंवा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर रोज बिजली ठीक करते हुए तीन कर्मचारियों की मौत हो रही है।
यूपी के पॉवर कंज्यूमर फोरम के चेयरमेन अवधेश कुमार ने बिजजी ठीक करने के दौरान होने वाली मौत के आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि मौदूज स्थिति दुखदायी और भय पैदा करने वाली है। बिजली ठीक करने वाले कर्मचारी मुख्यता ठेके पर काम करने वाले होते हैं, जिनको किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलती है। चौंकाने वाली बात ये है कि इनकी मौतों की जानकारी तक सरकार के पास नहीं होती है। उन्होंने कहा है कि इस तरह खतरों से खेलने वाले इन लोगों को सरकार से सभी फायदे लेने वाले सरकारी कर्मचारी दूर खड़े होकर सिर्फ निर्देश देते रहते है।
वहीं, ठेके पर काम करने वाले इन कर्मचारियों बिना किसी सरकारी सुविधा के ही काम करते हैं। इस रिपोर्ट को यूपी राज्य बिजली विभाग ने केंद्रीय बिजली प्राधिकरण को सौंप दिया है। पेश की गई इस रिपोर्ट में खुलासा किया है, पिछले पांच सालों में 2012-13 से लेकर 3491 ठेका कर्मचारियों की बिजली संभालते हुए हुई है। जबकि 2016-17 में करीब 958 बिजली ठेका कर्मचारियों की काम करते हुए मौत हुई है।
इन बढ़ती मौतों पर यूपी राज्य बिजली विभाग के सामने एक याचिका दायक की गई है कि यूपीसीएल को बढ़ रही इन दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में कोई दिशा निर्देश जारी करना चाहिए। वहीं, यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा इस रिपोर्ट के बाद कहना है कि सबसे पहला काम इस तरह की जानलेवा स्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करना है। मैंने अभी रिपोर्ट को देखा नहीं है। मेरी टेबल पर आने के बाद मैं इसका मूल्यांकन करूंगा।"