नयी दिल्ली, 12 दिसंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के जिन तीन अधिकारियों को शनिवार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा के लिये बुलाया गया है, उनके पास आदेश मानने के अतिरिक्त और कोई चारा नहीं है और पश्चिम बंगाल सरकार उन्हें कार्यमुक्त करने के लिए बाध्य है।
भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसी प्रकार की असहमति होने पर “संबंधित राज्य सरकार को केंद्र सरकार का निर्णय मानना होगा।”
प्रतिनियुक्ति के नियमों के अनुसार किसी अधिकारी को, राज्य और केंद्र सरकार की सहमति से, केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार की सेवा के लिए या केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी या संघ आदि में प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
नियमों के अनुसार, “किसी प्रकार की असहमति होने पर मामले पर निर्णय केंद्र सरकार लेगी और राज्य सरकार को उस निर्णय को लागू करना होगा।”
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय कैडर नियंत्रक प्राधिकरण है।
डायमंड हार्बर के एसपी भोलानाथ पांडेय 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
प्रेसीडेंसी रेंज के डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी, 2004 बैच और दक्षिण बंगाल के एडीजी राजीव मिश्रा 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
पश्चिम बंगाल कैडर के इन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार की सेवा में प्रतिनियुक्ति पर बुलाया गया है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर बृहस्पतिवार को हमला हुआ था और इस संबंध में कथित तौर पर सुरक्षा में हुई चूक के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।
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