Election 2024: बीजेपी की पहली सूची के 24 उम्मीदवार, क्यों पार्टी ने जताया भरोसा?
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: March 3, 2024 10:08 AM2024-03-03T10:08:29+5:302024-03-03T10:10:56+5:30
बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। मध्य प्रदेश की 29 में से 24 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किए हैं। लोकमत पर जानिए किस नेता को कहां से मिला टिकट, और क्या है वजह?
बीजेपी ने अपनी पहली सूची में मध्य प्रदेश की 29 में से 24 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए है।पार्टी ने दिग्गज नेताओं के साथ नए और पुराने चेहरों को भी मौका दिया है ।24 सीट पर कौन कहां से लड़ेगा चुनाव और क्यों पार्टी ने बनाया उम्मीदवार? जानिए पूरा गणित...
1- शिवराज सिंह चौहान- विदिशा सीट से उम्मीदवार,
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका पार्टी ने तय की है। शिवराज चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और विदिशा से सांसद रह चुके हैं। विदिशा सीट से भाजपा के कई बड़े नेता जीतकर संसद पहुंचे हैं। शिवराज परंपरागत तरीके से इसी सीट से चुनाव लड़ते रहे।
2- विष्णु दत्त शर्मा-
खजुराहो लोकसभा सीट
लंबे समय तक एबीवीपी से जुड़े रहे वीडी शर्मा बीजेपी में प्रदेश महामंत्री और अब प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में है। 2019 में खजुराहो सीट से सांसद बने, दूसरी बार पार्टी ने मौका दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया है।
3- डॉ वीरेंद्र खटीक-
टीकमगढ़ सीट
सादगी के लिए पहचाने जाने वाले वीरेंद्र खटीक 1996 में सागर से सांसद चुने गए। 2009 में टीकमगढ़ से सांसद बने। 2017 में केंद्र में राज्य मंत्री बनाए गए।
इस सीट पर ब्राह्मण यादव और एससी वोटरों का प्रभाव है।
4- आलोक शर्मा
भोपाल सीट
2023 में उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव हारे, 2015 से 2020 तक भोपाल के महापौर रहे । संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
भोपाल सीट पर ब्राह्मण, कायस्थ, एससी वोटरों का खासा प्रभाव है। भाजपा यहां पर लगातार जीत दर्ज करती रही है।
5- आशीष दुबे
जबलपुर सीट
साफ़ सुथरी छवि और भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ भाजपा में भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे। प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी है। इस सीट पर ब्राह्मण ओबीसी वोटरों का प्रभाव है।
6- फग्गन सिंह कुलस्ते
मंडला सीट
2019 में मंडला से सांसद चुने गए। केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री के पद पर है। छह बार के सांसद रह चुके हैं। 2023 में विधानसभा का चुनाव हारे। पार्टी ने फिर से भरोसा जताया।
मंडला सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक होते हैं।
7- दर्शन सिंह चौधरी होशंगाबाद
राज्य शिक्षक संघ में प्रदेश सचिव रहे ।भाजपा किसान मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी है। इस सीट पर ओबीसी वाटर निर्णायक है।
8- रोडमल नागर
राजगढ़
साल 2014 और 2019 में भाजपा से प्रत्याशी चुने गए और लोकसभा चुनाव जीते। संघ में भी अच्छी पकड़ है। इस सीट पर सन सोंधिया और दागी जाति के साथ धाकड़ जाति का भी प्रभाव है।
9- महेंद्र सिंह सोलंकी
देवास
मौजूदा सांसद है। एससी वर्ग से आते हैं। इस सीट पर एससी वोटरों का प्रभाव है।
10- सुधीर गुप्ता
मंदसौर
दो बार के सांसद है। तीसरी बार पार्टी ने मौका दिया। ओबीसी और सामान्य वोटर निर्णायक होते हैं।
11- अनीता नागर सिंह चौहान
रतलाम
प्रदेश के वन मंत्री नगर सिंह चौहान की पत्नी है। अलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष है। इस सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक होते हैं।
12- गजेंद्र पटेल
खरगोन
छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में राजनीति शुरू की। संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। इस सीट पर आदिवासी वाटर निर्णायक है।
13- ज्ञानेश्वर पाटिल
खंडवा
जिला पंचायत अध्यक्ष खंडवा और पावर लूम के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस सीट को परंपरागत बीजेपी सीट माना जाता है।
14- दुर्गादास उइके
बैतूल
एक बार फिर चुनाव मैदान में है आदिवासी नेता के रूप में पहचान है। इस सीट पर आदिवासी वोटर अहम भूमिका में है।
15- शिवमंगल तोमर
मुरैना
पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी हैं। 2008 में दिमनी सीट से विधायक रहे हैं। इस सीट पर तोमर वोटर निर्णायक हैं।
16- संध्या राय
भिंड
भाजपा में 2019 में सांसद डॉक्टर भागीरथ प्रसाद का टिकट काटते हुए संध्या राय को उतारा था चुनाव जीती। और फिर पार्टी ने दाव लगाया है। इस सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग की अहम भूमिका है।
17- भारत सिंह कुशवाह
ग्वालियर
2013 और 2018 में ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र से विधायक रहे। पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे। 2023 का विधानसभा चुनाव हारे। इस सीट पर भाजपा संगठन की मजबूत पकड़ है।
18- ज्योतिरादित्य सिंधिया
गुना
गुना सीट से परंपरागत तरीके से जीतकर सिंधिया संसद पहुंचते रहे है। 2019 में सिंधिया के करीबी रहे केपी यादव ने मात दी थी। मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल हुए और पार्टी ने उम्मीदवार बनाया । इस सीट पर सिंधिया परिवार का खासा दबदबा रहता है।
19- लता वानखेड़े
सागर
भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। इस सीट पर ओबीसी और जैन समाज का खासा प्रभाव है।
20- राहुल लोधी
दमोह
2021 में कांग्रेस विधायक रहते हुए इस्तीफा दिया और बीजेपी में शामिल हुए उपचुनाव हारे।इस सीट पर ओबीसी वाटर निर्णायक है।
21- गणेश सिंह
सतना
लगातार चार बार के सांसद रहे। विधानसभा का चुनाव हारे । इस सीट पर ब्राह्मण और ओबीसी वोटर निर्णायक होते हैं।
22- जनार्दन मिश्रा
रीवा
दो बार सांसद रहे। इस सीट पर ब्राह्मण और ओबीसी वोटर निर्णायक है।
23- डॉ राजेश मिश्रा
सीधी
भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य हैं। संगठन में कई पदों पर रहे हैं। इस सीट पर ब्राह्मण और एससी वोटर की अहम भूमिका है।
24- हिमाद्री सिंह
शहडोल
मौजूदा सांसद है कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई। इस सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक है।