9 साल पुराने मामले में गिरिराज सिंह समेत 23 बरी, एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहत दी
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 26, 2023 03:37 PM2023-03-26T15:37:26+5:302023-03-26T15:38:32+5:30
बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग आज भी राज्य में बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। जब भाजपा केंद्र में नहीं थी तब कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती थी। अब जब बीजेपी केंद्र की सत्ता में है तब राजद और जदयू ये मांग करते रहते हैं।
पटना: बिहार की एक अदालत ने शनिवार, 25 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह और 22 अन्य को 2014 में रेल रोकने से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया। इस मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, वैशाली की सांसद वीणा देवी, 2 पूर्व मंत्रियों व अन्य को मुजफ्फरपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहत दी है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित 23 लोगों के खिलाफ दर्ज ये मामला साल 2014 के मार्च महीने का था। मार्च 2014 में, बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं देने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ भाजपा नेताओं द्वारा एक राज्यव्यापी "रेल रोको" अभियान शुरू किया गया था। इस मामले में सोनपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में मामला सोनपुर से मुजफ्फरपुर अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। आरोप था कि गिरिराज सिंह ने ही इस "रेल रोको" अभियान का नेतृत्व किया था।
इस रे मामले की जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता अशोक कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में कुल 27 लोगों को नामजद किया गया था और उनमें से 23 को आरोपी बनाया गया था। किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण सभी को बरी कर दिया गया।
बता दें कि बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग आज भी राज्य में बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। जब भाजपा केंद्र में नहीं थी तब कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती थी। अब जब बीजेपी केंद्र की सत्ता में है तब राजद और जदयू ये मांग करते रहते हैं। हाल ही में बिहार के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मार्च को राज्य के लिए "विशेष दर्जे" की मांग की थी। 111वें बिहार दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार अभी भी गरीबी की चपेट में है, हम केंद्र से बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग करते हैं।