श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पिछले 15 दिनों में भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। पिछले 15 दिनों में सुरक्षाबलों में 22 आतंकवादियों को मार गिराया है, जिसमें से आंतकवादी संगठन के 8 टॉप कमांडर भी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, ईद त्योहार के तुरंत बाद शीर्ष आतंकी नेतृत्व भारतीय सेना द्वारा ज्यादा सख्ती के साथ कदम उठाए गए थे।
इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (ISJK) के कमांडर आदिल अहमद वानी और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कैडर शाहीन अहमद थोकर को 25 मई को खुदी हंजीपोरा कुलगाम में मार गिराया गया था। जबकि हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के कमांडर परवेज अहमद पंडित और जेएम कमांडर शाकिर अहमद इलू वानपोरा कुलगाम में 30 मई को मारा गया था।
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ग्रुप कमांडर आकिब रमजान वानी और Awanitpora JeM कमांडर मोहम्मद मकबूल को 2 जून को सेना ने मार गिराया था। सूत्रों के अनुसार, 3 जून को, एक बड़ी सफलता में जेएम के शीर्ष कमांडर फौजी भाई, जो पाकिस्तान का निवासी था, उसे मारा गया था। इसके अलावा एचएम के शीर्ष कमांडर मंज़ूर अहमद कर, जेएनएम के कमांडर जावेद अहमद ज़रगर को भी सेना ने मार गिराया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा- इस साल अबतक 88 आंतकवादी मार गए
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार (8 जून) को कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में इस वर्ष अब तक कई शीर्ष कमांडर समेत 88 आंतकवादी मार गिराए गए और 280 अन्य गिरफ्तार किए गए। दिलबाग सिंह नेकहा कि पिछले दो सप्ताह में छह शीर्ष कमांडर समेत 22 आतंकवादी मारे गए, जोकि पाकिस्तान और इसकी एजेंसियों के लिए करारा झटका है क्योंकि वे सीमा पार से बड़ी संख्या में आंतकवादियों को भेजकर हिंसा में बढ़ावा देने का कोई अवसर नहीं छोड़ता है।
दिलबाग सिंह ने कहा, पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए हमारी रणनीति दोतरफा है, जिसमें नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ को नाकाम करना और उन लोगों से निपटना जो भीतरी इलाकों में सक्रिय हैं, इसके साथ ही स्थानीय युवाओं को आंतकी संगठनों में शामिल होने से रोकना है। शुक्र है कि हम इस प्रयास में काफी हद तक सफल हैं।
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में 7 जून से 8 जून तक 24 घंटे में एक के बाद एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के नौ आतंकवादी को मार गिराने के कामयाब अभियान का हवाला देते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर से आंतकवाद का सफाया करना है। उन्होंने कहा कि चेनाब घाटी के रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिला एक बार फिर लगभग आतंकवाद मुक्त हो गए हैं।