असम के तिनसुकिया जिले में स्थित बागजान तेल कुआं में मंगलवार को भीषण आग लग गई है। कुएं से पिछले 14 दिन से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था। इस घटना में आग बुझाने वाले दो लोगों की जलकर मौत हो गई है। ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं में लगी आग इतनी भीषण है कि उसकी लपटें 30 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर से देखी जा सकती हैं, कई मीटर की ऊंचाई तक धुएं का गुब्बार उठ रहा है।
27 मई को हुए भीषण विस्फोट के बाद आसपास की जैव विविधता को अच्छा-खासा नुकसान हुआ है। ऑयल इंडिया का कहना है कि इस आग पर काबू पाने में चार सप्ताह तक का वक्त लग सकता है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घटना के संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से फोन पर बात कर आग को बुझाने में तत्काल मदद मांगी है। कुएं में आग उस वक्त लगी जब वहां सफाई अभियान चल रहा था।
राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री परीमल शुक्लावैद्य ने बताया है कि आग पर काबू पाने की कोशिश अभी भी जारी है। पर्यावरण और वन मंत्री ने कहा, असम सरकार आग पर काबू पाने की भरपूर कोशिश कर रही है। करीब 6 लोग घायल हुए हैं और आग असपास के गांव तक पहुंच गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डिब्रू-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित इस कुएं में मंगलवार दोपहर में विस्फोट हुआ जिसके बाद आसपास के पूरे इलाके को काले धुएं की चादर ने ढंक लिया। आग लगने के बाद वहां आसपास लोगों ने प्रदर्शन किया क्योंकि कोविड-19 संकट से जूझ रहे लोगों के लिए जीविका का संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने प्राकृतिक गैस के रिसाव और उसके प्रभावों के मद्देनजर आसपास रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
ऑयल इंडिया ने एक बयान में कहा कि कुएं के आसपास हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर मुख्य सचिव और तिनसुकिया जिला प्रशासन से कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया गया है, ताकि विशेषज्ञ वहां तक पहुंच सकें और कुएं को नियंत्रित करने का अभियान शुरू कर सकें। बयान में कहा गया है कि ऑयल इंडिया और ओएनजीसी के कर्मचारियों को वहां से हटाया जा रहा है और हालात सामान्य होने के बाद सिंगापुर की फर्म ‘‘अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल’’ के विशेषज्ञ और सरकारी कंपनी के विशेषज्ञ मौके पर पहुंचेंगे।
(भाषा-इनपुट)