दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इस पर फैसला लिया। दिल्ली में इस समय दिल्ली में 1,797 अनधिकृत कॉलोनियां हैं और सात लाख लोग रह रहे हैं।
हर सरकार चुनाव के समय इसका घोषणा करती है। दिल्ली में जनवरी-फरवरी में चुनाव होने की उम्मीद है। केजरीवाल सरकार भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला करती थी। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान इसे चुनावी वादा में शामिल किया था।
एलजी अनिल बैजल ने कहा कि 79 गांवों के शहरीकरण को मंजूरी दी गई है ताकि अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करने / पहचानने में सुविधा हो। इसके साथ ही दिल्ली आवास योजना में प्रधानमंत्री-औपनिवेशिक कालोनियों के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदम, अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करना / मान्यता प्रदान करना भी है। इसके अलावा धारा-81 के तहत दर्ज मामले भी वापस होंगे। अनधिकृत कॉलोनियों के मामलों में दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम के मामलों को वापस लेने का निर्देश दिए गए हैं।
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस 15 साल तक सत्ता में रही जबकि आप पांच साल तक। उन्होंने अवैध कॉलोनियों के नियमन के लिए कुछ नहीं किया। इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली सरकार पर इन कॉलोनियों के नियमन का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। हालांकि केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र श्रेय ले सकता है, आप सरकार बस नियमन चाहती है ताकि लोगों को उनके अधिकार मिल सके।