चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि बतौर उप-निरीक्षक (एसआई) या पुलिस के विशेष एसआई पद पर पदोन्नति के लिए हेड कांस्टेबल के रूप में दस साल की सेवा अनिवार्य है।
उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने चार फरवरी को यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय, न्यायमूर्ति एक आनंद वेंकटेश और न्यायमूर्ति कृष्णन रामास्वामी की पूर्ण पीठ ने कहा कि सरकारी आदेशों में दिए गए लाभ को प्राप्त करने के लिए, उस लाभ के लिए तय अपेक्षाओं को पूरा करना भी अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि इन अपेक्षाओं की 'वास्तविक' संतुष्टि भी अपेक्षित है। पूर्ण पीठ ने वर्ष 2014 से 2021 तक उच्च न्यायालय और इसकी मदुरै पीठ के समक्ष दायर 600 से अधिक रिट याचिकाओं और आवेदनों पर आदेश पारित किया। एसआई के तौर पर पदोन्नति के संबंध में दो अलग-अलग पीठ द्वारा दिये गए अलग-अलग आदेशों के कारण ये मुद्दा पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था।
मप्र : महिला कांस्टेबल ने की आत्महत्या
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की 24 वर्षीय एक महिला कांस्टेबल बुधवार को यहां रेलवे क्वार्टर में अपने कमरे में पंखे से लटकी पाई गई। मदन महल पुलिस थाना प्रभारी नीरज वर्मा ने बताया कि मृतक की पहचान गुड़िया यादव के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया कि उसके क्वार्टर के बगल में रहने वाली एक महिला पुलिसकर्मी को एक व्यक्ति का फोन आया कि यादव अपना मोबाइल फोन नहीं उठा रही हैं, जिस पर वह वहां गई और उसने यादव के कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वर्मा ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, जहां यादव पंखे से लटकी पाई गई, उसे नीचे उतारकर तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि मृतक के कमरे से एक डायरी मिली है और ऐसा लगता है कि अपनी दादी की मौत के बाद से वह अवसाद में थी। वर्मा ने बताया कि यादव भोपाल की रहने वाली थी और उसके माता-पिता को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत जांच जारी है।