अपने करिश्माई खेल से हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। ध्यानचंद को उनके बेहतरीन खेल के लिए जाना जाता है, लेकिन यह बात कम लोगों को ही पता है कि मेजर ध्यानचंद के बेटे और भारत के महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे और शानदार गोल कर कर आजाद भारत को एकमात्र वर्ल्ड कप दिलाया था।
मेजर ध्यानचंद ने साल 1928, 1932 और 1936 में लगातार तीन बार ओलंपिक में हॉकी के गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। 1936 में बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद के कमाल के 40 साल बाद साल 1975 के वर्ल्ड कप में उनके बेटे अशोक कुमार ध्यानचंद ने पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल किया था।
अशोक कुमार ने ऐसे किया था गोल
1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला 1-1 से बराबरी पर था। सुरजीत सिंह के पास पर अशोक कुमार ने गोल करने की कोशिश की, लेकिन गेंद गोलपोस्ट से टकराकर वापस आ गई। हालांकि अशोक कुमार ने देर किए बिना दूसरी कोशिश में गेंद को गोलपोस्ट के अंदर पहुंचा दिया और भारत को चैंपियन बना दिया।
1974 में अशोक कुमार को मिला अर्जुन अवॉर्ड
अशोक कुमार का जन्म 1 जून 1950 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। वह भारत में मोहन बागान और इंडियन एयरलाइंस की तरफ से खेले। हॉकी में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें 1974 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।