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क्या आपने कभी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है?, आखिर क्या है वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2025 17:46 IST

आपने ‘कैशिंग’ के बारे में सुना होगा, जिसका वैज्ञानिक अर्थ है भोजन को बाद में इस्तेमाल के लिए गुप्त स्थानों पर संग्रहित करना।

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ठळक मुद्दे‘कैशिंग’ व्यवहार सामान्यतः दो श्रेणियों में से आता है।एक को ‘लार्डर होर्डिंग’ के नाम से जाना जाता है। वर्तमान जीवन में कुत्तों का यह व्यवहार एक सहज प्रक्रिया है।

मेलबर्नः क्या आपने कभी किसी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे, या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में अपना पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है? आपको लग सकता है कि वे किसी ऐसे व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे होते हैं, जो प्रलय आने की आशंका से डरा हुआ हो, लेकिन कुत्ते आसन्न आपदा की चिंता में अपना खाना जमा नहीं कर रहे हैं। वे यह बता रहे हैं कि कैसे उनका विकासवादी अतीत आज भी आधुनिक व्यवहारों को आकार दे रहा है। यह दूरदर्शी रणनीति हमें एक अनोखी झलक देती है कि हम उन्हें अच्छी तरह जीने में कैसे मदद कर सकते हैं।

कुत्ते भोजन, सामान और खिलौने क्यों छिपाते हैं: आपने ‘कैशिंग’ के बारे में सुना होगा, जिसका वैज्ञानिक अर्थ है भोजन को बाद में इस्तेमाल के लिए गुप्त स्थानों पर संग्रहित करना। यह व्यवहार गिलहरियों से लेकर कौवों और भेड़ियों तक, सभी जानवरों में व्यापक रूप से पाया जाता है। ‘कैशिंग’ व्यवहार सामान्यतः दो श्रेणियों में से आता है।

इनमें से एक को ‘लार्डर होर्डिंग’ के नाम से जाना जाता है। इसे एक गिलहरी के उदाहरण से समझा जा सकता है, जो लंबी सर्दियों के दौरान एक या दो स्थानों पर मेवे जमा करके रखती है। दूसरे को ‘स्कैटर होर्डिंग’ कहते हैं। इसमें जानवर कई अलग-अलग जगहों पर अतिरिक्त भोजन का छोटा-छोटा भंडार बनाते हैं, जिससे किसी प्रतिस्पर्धी के हाथों सब कुछ गंवाने या विपरीत मौसम में भूखे रहने की संभावना कम हो जाती है। यह ज्यादातर लोमड़ियों और भेड़ियों जैसे जंगली जानवरों में देखा जाता है। वर्तमान जीवन में कुत्तों का यह व्यवहार एक सहज प्रक्रिया है।

यह उनके पूर्वजों के प्रतिस्पर्धी आहार तौर-तरीके को दर्शाता है, जो शिकार करके अपना जीवन जीते थे, लेकिन उनके लिए यह तय नहीं होता था कि उन्हें भोजन प्राप्त होगा या नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि कुत्ते गंध और अवलोकन संबंधी स्मृति पर निर्भर करते हैं ताकि यह याद रख सकें कि उन्होंने विशेष वस्तुओं, जैसे भोजन, सामान और खिलौनों को कहां छिपाकर रखा है।

क्या मेरा कुत्ता इस बात को लेकर चिंतित है कि मैं उसे अगले सप्ताह खाना नहीं खिलाऊंगा : जब हम आजकल के घरेलू कुत्तों को अपने खिलौनों को छिपाने के लिए उन्हें शांत स्थानों पर ले जाते हुए, खाने को ढकने के लिए कंबलों को सूंघते हुए, या घर के पिछले हिस्से में हड्डी छिपाने के लिए गड्ढा खोदते हुए देखते हैं, तो वे इस बात से चिंतित नहीं होते कि उन्हें फिर से खाना नहीं मिलेगा।

यह व्यवहार वंशानुगत जीवित रहने की एक प्रक्रिया से प्रेरित है। इसे इस बात का प्रमाण नहीं माना जाना चाहिए कि उन्हें भविष्य में भूख लगने पर खाना नहीं मिलने की आशंका है। क्या यह व्यवहार एक समस्या है : अगर आपको लगता है कि आपके घर में ‘कैशिंग’ एक समस्याजनक व्यवहार है, तो इसके मूल कारण पर विचार करना जरूरी है।

हमारे कुत्तों का व्यवहार ही उनके हमसे संवाद करने का तरीका है, और जिस व्यवहार को हम समस्यात्मक मानते हैं, जैसे भौंकना, मिट्टी खोदना और उछलना, वह अक्सर कुत्तों का सामान्य व्यवहार होता है जो कभी-कभी हमें पसंद नहीं आता। जब हम कुत्तों को अपने घर में पालने का फैसला करते हैं, तो हमें उनके स्वाभाविक व्यवहार के लिए उपयुक्त अवसर प्रदान करने चाहिए।

अगर आप अपने कुत्ते के सामान को छुपाने के व्यवहार को लेकर चिंतित हैं, तो अपने स्थानीय पशु चिकित्सक से सलाह लें या उनसे किसी ऐसे विशेषज्ञ से संपर्क करने के लिए कहें जो पशु व्यवहार में विशेषज्ञता रखता हो। अगली बार जब आप अपने कुत्ते को किसी खास चीज को ध्यान से छुपाते हुए देखें, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं, क्योंकि उन्हें किसी आने वाली प्रलय की चिंता नहीं है या वे आपके द्वारा चुने गए भोजन के स्वाद का विरोध नहीं कर रहे हैं। वे सामान्य, स्वाभाविक व्यवहार कर रहे हैं जो उनके जंगली अतीत की याद दिलाता है।

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