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जर्मनी के कोथेन में विश्व होम्योपैथी सम्मेलन में डॉ. नितीश दुबे ने भारत का प्रतिनिधित्व किया, बर्नेट होम्योपैथी की पहल पर जुटे 200 चिकित्सक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 17, 2025 15:04 IST

अमेरिका, यूके, ब्राजील, सर्बिया, नीदरलैंड और भारत समेत कई देशों के प्रतिष्ठित चिकित्सक उपस्थित रहे।

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ठळक मुद्देडॉ. हैनिमैन के ऐतिहासिक निवास और क्लिनिक का भ्रमण कराने का अवसर मिला।60 से अधिक होम्योपैथी चिकित्सकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

नई दिल्लीः विश्व होम्योपैथी सप्ताह के अवसर पर जर्मनी के ऐतिहासिक शहर कोथेन में "विश्व होम्योपैथी शिखर सम्मेलन 3" का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ, जिसमें दुनिया भर से 200 से अधिक होम्योपैथी विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। कोथेन को पारंपरिक और वैज्ञानिक होम्योपैथी का वैश्विक केंद्र माना जाता है। इस कार्यक्रम में अमेरिका, यूके, ब्राजील, सर्बिया, नीदरलैंड और भारत समेत कई देशों के प्रतिष्ठित चिकित्सक उपस्थित रहे।

 

प्रमुख प्रतिभागियों में डॉ. लोरी ग्रॉसमैन (अध्यक्ष, नेशनल सेंटर फॉर होम्योपैथी, यूएसए), प्रो. रोनाल्ड मोरी (यूके), डॉ. नितीश दुबे (सीएमडी, हरिओम होमियो, भारत) और प्रो. डॉ. डोर्ली (ब्राजील) के नाम शामिल हैं। आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को डॉ. हैनिमैन के ऐतिहासिक निवास और क्लिनिक का भ्रमण कराने का अवसर मिला।

इसके साथ ही यूरोपियन लाइब्रेरी ऑफ होम्योपैथी में हुए संवाद सत्रों में शैक्षणिक और अनुसंधान-आधारित चर्चाएं की गईं, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बल मिला। सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण पुरस्कार समारोह रहा, जिसमें 60 से अधिक होम्योपैथी चिकित्सकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान इयोन मॉर्गन और कोथेन के संसद सदस्य बास्टियन बर्नहैगन भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से किया गया। यह संस्था शिक्षा, अनुसंधान और वैश्विक साझेदारी के माध्यम से होम्योपैथी के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

संस्था के सीएमडी डॉ. नितीश दुबे ने यूरोपीय होम्योपैथी संस्थानों, “विस होम्योपैथी”, “हाउस ऑफ हैनिमैन” और डॉ. स्टेफनी जाह्न को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कोथेन में हुआ यह सम्मेलन न केवल होम्योपैथी के विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हुआ, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के बीच आपसी समन्वय और साझा दृष्टिकोण को भी उजागर करता है

 

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