World Alzheimer's Day: हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है. अल्जाइमर एक मानसिक विकार है, जिसमें मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। आमतौर पर यह मध्यम उम्र या वृद्धावस्था में दिमाग के टिशू को नुकसान पहुंचने के कारण होता है। यह डीमेंशिया बीमारी का ही एक प्रकार है, जिसका असर व्यक्ति की याद्दाश्त, सोचने की क्षमता, रोजमर्रा की गतिविधियों पर पड़ता है।
अल्जाइमर रोग का कारण
अल्जाइमर रोग होने का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, फिर भी निदान के अनुसार, यह पाया जाता है कि मस्तिष्क समय के साथ सिकुड़ने लगता है। सबसे पहले इसका असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है जो याददाश्त को कम करने का कारण बनता है।
वैज्ञानिक अन्वेषण के अनुसार, लक्षण दिखाई देने से पहले जीवनशैली में परिवर्तन होने लगता है। मस्तिष्क की कोशिकाओं के चारों ओर एमीलोइड प्लेक नामक एक प्रोटीन दिखने लगता है।
मस्तिष्क कोशिकाओं के भीतर टाऊ नामक एक दूसरे प्रोटीन के इकट्ठा होने से गांठे बनने लगती हैं। अल्जाइमर रोग से ग्रस्त लोगों के मस्तिष्क में एक न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलॉक्लिन का स्तर कम हो जाता है।
अल्जाइमर रोग के लक्षण
अल्जाइमर रोग का केवल लक्षणों से पहचान नहीं की जा सकती है। अल्जाइमर रोग के लक्षणों में हैं-
नई चीजों को समझने की क्षमता में कमीभटकाव बात को दोहराना और एक ही बात बार-बार पूछनाव्यवहार और समझ में परिवर्तनसंवेदनाओं की कमीचेहरों और वस्तुओं को पहचानने में असमर्थतापढ़ने में कठिनाई चीजों को इधर-उधर रखनागलत निर्णय और निर्णय लेने में कठिनाईचिंता और भटकावअनिद्रा, भ्रम और भयावहताबोलने में कठिनाई
अल्जाइमर से कैसे बचें
हर हफ्ते सिर्फ ढाई घंटे व्यायामप्रत्येक सप्ताह कम से कम ढाई घंटे तक व्यायाम करने से उन लोगों में यददाश्त की समस्या आने को लंबे समय तक रोका जा सकता है जिनके डीएनए में स्थायी रूप से गड़बड़ियां होने से अल्जाइमर बीमारी का खतरा रहता है। एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है।
जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ टूबीनगेन के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ऑटोसोमल डॉमिनेन्ट अल्जाइमर डिजीज (एडीएडी) एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है। जिसमें कम उम्र में ही याददाश्त की समस्या पैदा हो जाती है।
यह अध्ययन 'अल्जाइमर एंड डिमेंशिया' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में याददाश्त और शारीरिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण सबंध दिखाया गया है। यह संबंध एडीएडी वाले लोगों में भी दिखता है।
इन चीजों को अपनी डाइट में जरूर करें शामिल
हरी पत्तेदार सब्जियांआपको अपनी डाइट में काले, पालक, ब्रोकोली, कोलार्ड और अन्य साग सब्जियां शामिल करनी चाहिए। इन सभी में विटामिन ए और सी और अन्य पोषक तत्व भरे होते हैं। सप्ताह में कम से कम दो बार इनका सेवन करें। शोधकर्ताओं के अनुसार, हफ्ते में छह दिन इनके सेवन से मस्तिष्क को लाभ होता है।
नट्सअध्ययन के अनुसार, अखरोट दिमाग के स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर चीज है। नट्स में स्वस्थ वसा, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि नट्स बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। हफ्ते में कम से कम पांच बार नट्स खाने की सलाह दी जाती है।
बीन्सफाइबर और प्रोटीन से भरपूर बीन्स में कम कैलोरी और फैट होता है। यह आपके दिमाग को तेज रखने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ता अल्जाइमर के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए सप्ताह में तीन बार बीन्स खाने की सलाह देते हैं।