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छोटे बच्चों में Tomato Flu का खतरा अधिक, नैपी के इस्तेमाल-गंदी सतह से बेबी को रखें दूर, बड़ों के लिए भी हो सकता है जानलेवा: लांसेट अध्ययन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 24, 2022 17:18 IST

‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ‘‘बच्चों को टोमेटो फ्लू होने का अधिक खतरा है, क्योंकि इस आयुवर्ग में वायरल संक्रमण सामान्य बात है और करीबी संपर्क से यह फैल सकता है।’’

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ठळक मुद्देद लांसेट के अध्ययन द्वारा टोमेटो फ्लू को लेकर चेतावनी दी गई है।इस चेतावनी में यह कहा गया है कि कम उम्र वाले बच्चों में इसका खतरा अधिक है। अध्ययन के मुताबिक, अगर सही से रोकथाम नहीं किया गया तो इसका शिकार बड़े भी हो सकते है।

Tomato Flu: कम उम्र के बच्चों को टोमेटो फ्लू होने का जोखिम अधिक है और यदि इसके प्रकोप को रोका तथा नियंत्रित नहीं किया जाता तो वयस्कों में भी संक्रमण फैल सकता है। हाल में ‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है। 

लांसेट की रिपोर्ट के अनुसार टोमेटो फ्लू या टोमेटो बुखार की सबसे पहले पहचान छह मई को केरल के कोल्लम जिले में हुई थी। 

इन राज्यों में फैल चुका है टोमेटो फ्लू

राज्य सरकार के अस्पतालों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 26 जुलाई तक पांच साल से छोटे 82 बच्चों में संक्रमण का पता चला है। केरल के अलावा तमिलनाडु और ओडिशा में भी टोमेटो फ्लू के मामलों का पता चला है। 

बच्चों को इन चीजों से बचाएं

गत 17 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘बच्चों को टोमेटो फ्लू होने का अधिक खतरा है, क्योंकि इस आयुवर्ग में वायरल संक्रमण सामान्य बात है और करीबी संपर्क से यह फैल सकता है। छोटे बच्चों को नैपी के इस्तेमाल, गंदी सतहों को छूने और चीजें सीधे मुंह में डालने से भी संक्रमण का खतरा है।’’ 

बड़े भी हो सकते है शिकार

प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, ‘‘अगर बच्चों में टोमेटो फ्लू के प्रकोप को नियंत्रित नहीं किया जाता तो वयस्कों में भी संक्रमण फैल सकता है और गंभीर परिणाम आ सकते हैं।’’ आपको बता दें कि इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के छाले या फफोले हो जाते हैं जिनमें दर्द होता है, इसलिए इसे टोमेटो फ्लू कहा गया। 

ऐसे में सावधानी जरूरी है

अध्ययन के अनुसार यूं तो यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन कोविड-19 महामारी के खतरनाक अनुभव को देखते हुए इसके प्रकोप को रोकने के लिए सतर्कता के साथ प्रबंधन जरूरी है। इस वायरस में कोविड की तरह ही बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं।

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