मोमबत्ती से निकलने वाले धुएं से हल्के अस्थमा वाले लोगों के सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर, शोध में हुआ खुलासा
By आजाद खान | Published: September 4, 2023 12:09 PM2023-09-04T12:09:39+5:302023-09-04T13:08:53+5:30
शोध में यह भी कहा गया है कि इस तरीके से घर में निकलने वाले धुंओं के बारे में गहरा चिंतन कर हम केवल अस्थमा वाले लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए फेफड़ों की गंभीर समस्याओं, हृदय की समस्याओं और कैंसर के खतरे को कम करने में कामयाब हो सकते है।
Health News: हाल में हुए एक नए शोध में यह पता चला है कि घर में मौजूद वायु प्रदूषण भी आपके सेहत पर बुरा असर डाल सकते है। शोध के अनुसार, जब आप घर में खाना पकाते हैं या फिर आप मोमबत्तियां जलाते हैं तो इस हालत में उससे निकलने वाले धुएं से आपका हेल्थ खराब हो सकता है।
इस स्टडी को पूरा करने के लिए 18 से 25 साल के युवकों पर शोध किया गया है जिन्हें हल्के अस्थमा से पीड़ित थे और पाया कि आमतौर पर फिट रहने वाले युवा भी इसके शिकार हो रहे है। ऐसे में इस स्टडी में क्या और खुलासा हुआ है, आइए जान लेते हैं।
स्टडी में क्या खुलासा हुआ है
आरहस यूनिवर्सिटी के एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि जब किसी घर में हवा के बाहर निकलने के सही से इंतजाम नहीं होते है और इस घर में जब खाना पकाया जाता है या फिर मोमबत्ती जलाई जाती है तो इससे निकलने वाली धुंआ काफी खतरनाक होती है। इस धुंआ में हानिकारक छोटे-छोटे कण और गैस होते है जो सांस लेने पर शरीर के अंदर चला जाता है।
स्टडी में पाया गया कि इससे लोगों को जलन, सूजन और डीएनए को नुकसान पहुंचने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं द्वारा युवाओं में इस तरह के लक्षण पाए जाने को एक चिंताजनक बात कही है।
केवल अस्थमा वाले मरीज ही नहीं बल्कि कोई भी हो सकता है प्रभावित
शोधकर्ताओं ने बताया कि घर में मौजूद इस तरह के वायु प्रदूषण से न केवल अस्थमा वाले मरीज बल्कि कोई भी आम इंसान इससे प्रभावित हो सकता है। उनका यह भी कहना है कि जिस तरीके से आने वाले कुछ महीने में फिर से सर्दी आने वाली है, इस सीजन में लोग खिड़की और दरवाजों को बंद कर घर में खाना बनाते है साथ में मोमबत्ती भी जलाते हैं। इस सीजन में ये समस्या और भी ज्यादा देखी जाती है।
ऐसे में जानकार घर के अंदर अच्छी वायु गुणवत्ता को प्राथमिकता देने पर जोर देते है साथ ही उचित वेंटिलेशन का भी इंतजाम करने की बात कहते है। उनका कहना है कि इस तरीके से घर में निकलने वाले धुंओं के बारे में गहरा चिंतन कर हम केवल अस्थमा वाले लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए फेफड़ों की गंभीर समस्याओं, हृदय की समस्याओं और कैंसर के खतरे को कम करने में कामयाब हो सकते है।