समोसा, कचौड़ी, जलेबी, फ्रेंच फ्राइज़ और वड़ापाव?, "तेल और चीनी बोर्ड" लगाएं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखे पत्र में कहा-मोटापे में तेज़ी से वृद्धि, खराब खान-पान जिम्मेदार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 14, 2025 19:48 IST2025-07-14T19:06:06+5:302025-07-14T19:48:05+5:30

मंत्रालय ने मोटापे से मुकाबले के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करने का भी आह्वान किया है।

Samosa Kachori Jalebi French fries Vada pav Install Oil and Sugar Board Health Ministry said letter Rapid increase obesity bad eating habits responsible | समोसा, कचौड़ी, जलेबी, फ्रेंच फ्राइज़ और वड़ापाव?, "तेल और चीनी बोर्ड" लगाएं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखे पत्र में कहा-मोटापे में तेज़ी से वृद्धि, खराब खान-पान जिम्मेदार

सांकेतिक फोटो

Highlights21 जून को लिखे पत्र में कहा कि भारत में वयस्कों और बच्चों, दोनों में मोटापे में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। मोटापे की व्यापकता खराब खान-पान की आदतों और कम शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होती है।2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है जिससे यह मोटापा से ग्रस्त लोगों के मामले में दुनिया में दूसरा देश बन जाएगा।

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों से आग्रह किया है कि वे समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़ और वड़ापाव समेत अन्य खाद्य सामग्री में चीनी और तेल की मात्रा का उल्लेख करते हुए "तेल और चीनी बोर्ड" प्रदर्शित करें ताकि स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दिया जा सके तथा मोटापे और गैर-संचारी रोगों से निपटा जा सके। मंत्रालय ने मोटापे से मुकाबले के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करने का भी आह्वान किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने 21 जून को लिखे पत्र में कहा कि भारत में वयस्कों और बच्चों, दोनों में मोटापे में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज़्यादा वयस्क अधिक वज़न या मोटापे से ग्रस्त हैं। बच्चों में मोटापे की व्यापकता खराब खान-पान की आदतों और कम शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होती है।

उन्होंने कहा है कि 2025 में प्रकाशित ‘लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन’ के अनुसार, भारत में अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ थी जो 2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है जिससे यह मोटापा से ग्रस्त लोगों के मामले में दुनिया में दूसरा देश बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों के जोखिम को काफी बढ़ा देता है। यह मानसिक स्वास्थ्य, गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है, और स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत और उत्पादकता में कमी के माध्यम से भारी आर्थिक बोझ डालता है।

इन प्रवृत्तियों को उलटने के लिए शीघ्र रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पत्र में, श्रीवास्तव ने जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से मोटापे से निपटने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान का उल्लेख किया। पत्र में कहा गया है, "28 जनवरी 2025 को देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया अभियान का आह्वान किया।

और नागरिकों से स्वस्थ भारत के व्यापक दृष्टिकोण के तहत सक्रिय, स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का आग्रह किया। अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में उन्होंने तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कमी लाने का आह्वान किया।" उन्होंने कहा कि इस अपील के जवाब में, और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत मंत्रालय की प्रमुख पहल के तहत कार्यस्थलों पर स्थायी व्यवहार परिवर्तनों को बढ़ावा देना अनिवार्य है।

श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें तेल और चीनी के अत्यधिक सेवन को कम करना शामिल है, जो मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य जीवनशैली संबंधी विकारों के बढ़ते मामलों में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। पत्र में कहा गया है, "हम विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्यवर्धक आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देने के लिए चीनी और तेल बोर्ड पहल को प्रदर्शित किया जाना, प्रस्तावित कर रहे हैं।

ये बोर्ड स्कूलों, कार्यालयों, सार्वजनिक संस्थानों में संकेतक के रूप में काम करेंगे, जो रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में छिपे वसा और चीनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करेंगे।" उन्होंने सभी मंत्रालयों से अनुरोध किया कि वे सभी विभागों, कार्यालयों, स्वायत्त निकायों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों, संगठनों को निर्देश जारी करें कि वे सार्वजनिक क्षेत्रों (कैफेटेरिया, लॉबी, बैठक कक्ष और अन्य सार्वजनिक स्थानों) में तेल और चीनी बोर्ड के डिस्प्ले (डिजिटल स्टैटिक पोस्टर समेत अन्य) लगाएं ताकि हानिकारक उपभोग के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

उन्होंने कहा, "सभी आधिकारिक स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर) और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश छापें ताकि मोटापे से लड़ने के दैनिक अनुस्मारक को सुदृढ़ किया जा सके।" श्रीवास्तव ने कहा, "कार्यालयों में पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों (अधिक फल, सब्जियां और कम वसा वाले विकल्प, तथा शर्करा युक्त पेय और उच्च वसा वाली खाद्य सामग्री की उपलब्धता को सीमित करके) के माध्यम से स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा दें।

कार्यस्थल पर सक्रिय पहल करें, जैसे सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, छोटे व्यायाम अवकाशों का आयोजन करना और पैदल चलने के मार्गों की सुविधा प्रदान करना।" पत्र में बोर्ड के कुछ प्रोटोटाइप भी थे, जिन्हें आवश्यकतानुसार तैयार किया जा सकता है। तेल बोर्ड में फ्रेंच फ्राइज़, बर्गर, पिज़्ज़ा, समोसा, पकौड़े और वड़ापाव जैसी खाद्य सामग्री का ज़िक्र किया गया। वहीं, चीनी बोर्ड में शीतल पेय, गुलाबजामुन और चॉकलेट पेस्ट्री जैसी चीज़ों का उल्लेख किया गया।

Web Title: Samosa Kachori Jalebi French fries Vada pav Install Oil and Sugar Board Health Ministry said letter Rapid increase obesity bad eating habits responsible

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