पैसों की कमी, फिल्में फ्लॉप होने से डिप्रेशन में चली गई थी ये एक्ट्रेस, महिलाओं में अवसाद के कारण, लक्षण

By उस्मान | Published: August 6, 2019 05:47 PM2019-08-06T17:47:33+5:302019-08-06T17:47:33+5:30

इस स्थिति से निकलने के लिए मैंने उसके साथ निरंतर संघर्ष किया। मैं शायद दिन में 10 बार रोती थी। मैं हमेशा परेशान और रोती रहती थी। मुझे सीने में दर्द रहने लगा था।

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पैसों की कमी, फिल्में फ्लॉप होने से डिप्रेशन में चली गई थी ये एक्ट्रेस, महिलाओं में अवसाद के कारण, लक्षण

अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ जल्द ही फिल्म 'जबरिया जोड़ी' में नजर आने वाली बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा परिणीति चोपड़ा ने अपने जीवन से जुड़े कुछ ऐसे किस्सों का खुलासा किया है जिसे जानने के बाद उनके प्रशंसकों को पीड़ा हो सकती है। परिणीति साल 2014-15 के दौरान वो अपने जीवन के सबसे भयानक दौर से गुजर रहीं थी। इस दौरान कुछ फिल्मों के फ्लॉप हो जाने पर उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ डिस्ट्रॉय हो गई थी और वो डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। हाल ही में परिणीति ने डिप्रेशन से लड़ने और राहत पाने के बारे में खुलकर बात की है। 

परिणीति ने कहा, 'साल 2014-15 मेरे जीवन का सबसे बुरा दौर था। मेरी दो फिल्में 'दावत-ए-इश्क' और 'किल दिल' फ्लॉप हो गयी थी। यह मेरा लिए पहला झटका था। मेरे पास पैसे नहीं थे। मैंने तब तक बहुत पैसा कमा लिया था, लेकिन मैंने एक घर खरीदा था और कुछ बड़े निवेश किए थे। मेरा दिल टूट गया था। मैं जीवन के हर क्षेत्र में नीचे पहुंच गई थी। मुझे आगे कुछ भी पॉजिटिव नजर नहीं आ रहा था।

आगे परिणीति ने कहा। ' मैंने खाना-पीना और सोना बंद कर दिया था। उस समय मेरा कोई दोस्त नहीं था। मैं कभी लोगों से नहीं मिलती थी। मैंने अपने परिजनों और साथियों से बात करना बंद कर दिया था। मैं उनसे हफ्ते में सिर्फ दो बार बात करती थी। मेरी लाइफ लगभग खत्म हो गया था। मैं बस अपने कमरे में रहती थी, टीवी देखती रहती थी, सोती रहती थी। मेरी हालत एक ज़ोंबी की तरह हो गई थी। मैं किसी उदास फिल्मी लड़की की तरह हो गई थी।

परिणीति ने आगे बताया, 'इस दौरान मुझे मेरे सहज का सपोर्ट मिला। उसने एक अच्छे भाई और दोस्त की तरह मुझे सपोर्ट किया और इस स्थिति से निकालने में मदद की। इस स्थिति से निकलने के लिए मैंने उसके साथ निरंतर संघर्ष किया। मैं शायद दिन में 10 बार रोती थी। मैं हमेशा परेशान और रोती रहती थी। मुझे सीने में दर्द रहने लगा था। मैंने जीवन में कभी भी अवसाद महसूस नहीं किया। लेकिन उस दौरान मुझे इस स्थिति से गुजरना पड़ा।

महिलाओं में तनाव के कारण

मानसिक आघात
किसी लक्ष्य में असफलता मिलना, किसी बड़े नुकसान, किसी प्रियजन की मृत्यु या किसी बहुत करीबी से बिछड़ जाने का दुःख जब दिमाग पर हावी होने लगता है तो यह व्यक्ति को डिप्रेशन की ओर ले जाता है।

शारीरिक रोग
लंबे समय से यदि रोग पीछा ना छोड़े तो ऐसा मरीज जीवन से अपनी चाहता को छोड़ देता है और डिप्रेशन में चला जाता है।

कमजोर व्यक्तित्व
कुछ लोग भावनात्मक रूप से काफी कमजोर होते हैं। इन लोगों के जीवन में जैसे ही कोई बदलाव आता है ये लोग मानसिक रूप से उसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं। 

आनुवांशिक
विभिन्न शोध के अनुसार डिप्रेशन आनुवांशिक भी हो सकता है। यदि माता-पिता डिप्रेशन सी पीड़ित हैं तो यह परेशानी उनके बच्चे में भी आ सकती है।

तनाव के लक्षण

तनाव के लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक उदासी, स्वभाव में चिड़-चिड़ापन आना, स्वास्थ्य में गिरावट, वजन में गिरावट, किसी भी चीज में अरुचि, अकेलापन अच्छा लगना, स्वयं को कोसना, असफलता भरे विचार पसंद आना, नींद में विघ्न आना या नींद ही ना आना, सिर, पेट, पैर, जोड़ों में दर्द रहना, मुंह का सूखना, कब्ज रहना, मासिक धर्म में अनियमितता और सांस लेने में दिक्कत होना। 

Web Title: priyanka chopra sister or jabariya jodi girl parineeti chopra battling depression, know causes, symptoms, risk factors of depression in women's and medical treatment

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