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सेहत के लिए फायदेमंद 'ओटमील' के नुकसान भी हैं, इन लोगों को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 2, 2023 15:58 IST

सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों को ओट्स या ओटमील खाने से पूरी तरह बचना चाहिए। मधुमेह से पीड़ित कई लोगों के लिए प्रोसेस्ड ओट्स अचानक खून में शुगर के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है।

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ठळक मुद्दे संतुलित आहार का सेहतमंद जीवन में बेहद महत्व है विशेषज्ञ लोगों को ओटमील खाने की सलाह देते हैंलेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं

नई दिल्ली: अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार का काफी महत्व है। संतुलित आहार का सेहतमंद जीवन में बेहद महत्व है। संतुलित आहार का मतलब ऐसे खाने से है जिससे शरीर की जरूरत का हर तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, फाईबर, आयरन और अन्य चीजें शरीर को मिलती रहें। इसिलिए अक्सर विशेषज्ञ लोगों को ओटमील खाने की सलाह देते हैं। ओट्स हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। वे घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। ओट्स ग्लूटेन मुक्त भी होता है और यह शरीर में धीरे-धीरे पचता है इसलिए लंबे समय तक भूख नहीं लगती। इसी खूबी के कारण इसे वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोग भी काफी पसंद करते हैं। 

लेकिन आप को जानकर हैरानी होगी कि ओट्स के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए बिना सोचे समझे इसका सेवन आपको मुश्किल में भी डाल सकता है।  गैस, सूजन और अपच जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए ओट्स नुकसान का सौदा साबित हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार चूंकि ओट्स को बनाने के लिए जई को संसाधित किया जाता है,  इसलिए ये संवेदनशील पाचन तंत्र वाले लोगों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया और एलर्जी का कारण बन सकता है। सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों को ओट्स या ओटमील खाने से पूरी तरह बचना चाहिए।

इसके अलावा, जई फाइबर से भरपूर होता है (एक कप में 8 ग्राम होता है), जो पाचन संबंधी समस्या पैदा कर सकता है। अध्ययन कहते हैं कि फाइबर के नियमित सेवन से कब्ज, सूजन, पेट दर्द और कब्ज की समस्या हो सकती है। डॉक्टर साइड इफेक्ट को कम करने सलाह देते हैं कि कम खुराक से शुरुआत करें और धीरे-धीरे वांछित मात्रा तक बढ़ाएं। इससे आपके शरीर को खुराक की आदत हो जाएगी।

इसके अलावा मधुमेह से पीड़ित कई लोगों के लिए प्रोसेस्ड ओट्स अचानक खून में शुगर के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। ऐसे ओट्स में चीनी मिलाई जाती है। ओटमील, गैस्ट्रोपेरेसिस से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।  मधुमेह और गैस्ट्रोपेरेसिस से पीड़ित लोगों के लिए दलिया में मौजूद फाइबर पेट खाली होने की गति को धीमा कर सकता है। 

(अस्वीकरण: लेख में उल्लिखित युक्तियाँ और सुझाव केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस कार्यक्रम शुरू करने या अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श लें।)

टॅग्स :भोजनHealth and Family Welfare Department
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