किडनी की छोटी-छोटी पथरियों को गलाकर पेशाब के जरिये बाहर निकाल देंगी ये 5 आयुर्वेदिक चीजें
By उस्मान | Updated: January 30, 2020 11:47 IST2020-01-30T11:47:48+5:302020-01-30T11:47:48+5:30
किडनी की पथरी के इलाज के लिए आप इन आसान घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं

किडनी की छोटी-छोटी पथरियों को गलाकर पेशाब के जरिये बाहर निकाल देंगी ये 5 आयुर्वेदिक चीजें
किडनी मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। किडनियों का मुख्य काम मानव शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना और शरीर में पानी, रसायन और खनिज स्तर को बनाए रखना है। कुल मिलाकर एक स्वस्थ जीवन के लिए, किडनियों का कामकाज बेहतर बना रहना जरूरी है। कम पानी पीने या गलत चीजों के सेवन से शरीर में जहरीले पदार्थों का संचय होने लगता है जो किडनियों में पथरी का कारण बनते हैं।
ये पथरी मटर के आकार के हो सकती हैं। आमतौर पथरी कुछ अन्य यौगिकों के साथ कैल्शियम ऑक्सालेट से बनी होती हैं। किडनी की पथरी होने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द, वजन कम होना, बुखार, मतली और हेमट्यूरिया की शिकायत हो सकती है। गुर्दे की पथरी ज्यादातर सर्जरी द्वारा हटा दी जाती है। हालांकि आप कुछ आयुर्वेदिक उपचार की मदद से इन पथरियों से छुटकारा पा सकते हैं।
पहला आयुर्वेदिक उपचार
10 ग्राम मूली के बीज, 10 ग्राम गाजर के बीज, 20 ग्राम गोखरू, 5 ग्राम जवाखार और 5 ग्राम हजरूल यहूद को कूटकर पीस लें और चूर्ण जैसा बना लें। अब इसकी कम से कम 3-3 ग्राम की पूड़ियां बना लें। एक खुराक सुबह, दूसरी शाम और तीसरी रात को दूध या पानी से लें।
नींबू का रस जैतून के तेल के साथ
यह संयोजन थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। जो लोग अपने गुर्दे से पत्थरों को हटाने की इच्छा रखते हैं, उन्हें प्राकृतिक रूप से इस तरल को रोजाना पीना चाहिए जब तक कि पथरी निकल न जाए। नींबू का रस पथरी को तोड़ने में मदद करता है जबकि जैतून का तेल मुलायम बनाने के कार्य करता है ताकि कम कठिनाई के बिना सिस्टम से गुजर सकें।
भिंडी
भिंडी एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं। यह भी गुर्दे की पथरी के लिए एक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। अपने आहार में भिंडी को शामिल करना बेहद सहायक हो सकता है क्योंकि यह गुर्दे की पथरी के लिए एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक उपचार है।
तुलसी के रस के साथ पानी
यह किडनियों को खनिजों और पोषक तत्वों को तोड़ने में मदद करता है, और पाचन और अवशोषण की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। आमतौर पर, एक स्वस्थ मनुष्य को दिन में 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी शरीर की सफाई और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जो कि गुर्दे के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते है। गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोगों को मूत्र के माध्यम से पथरी को बाहर निकालने के लिए बहुत सारा पानी पीना चाहिए। सर्वोत्तम प्रभावों के लिए, तुलसी के रस के साथ पानी पीना चाहिए क्योंकि तुलसी में शरीर में तरल पदार्थ, खनिज और यूरिक एसिड के संतुलन को बनाए रखने के लिए जाना जाता है।
नारियल पानी
नारियल पोषक तत्वों से भरा होता है और यह किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। अगर किसी को किडनी में पथरी है तो उसे रोजाना इसका सेवन करना चाहिए। यह गुर्दे की पथरी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए बेहतर विकल्प है और पथरी को घोलने में मदद करता है और अंततः मूत्र के माध्यम से उन्हें बाहर निकाल देता है।



