kidney fail hone ke lakshan: किडनी फेल होने पर मिलती हैं 12 चेतावनी, लक्षणों को समझें और तुरंत इलाज कराएं

By उस्मान | Updated: February 10, 2021 11:57 IST2021-02-10T11:57:39+5:302021-02-10T11:57:39+5:30

किडनी फेल होने के कारण और लक्षण : किडनी के खराब होने के शुरूआती लक्षणों को समझें और इलाज कराएं

kidney fail hone ke lakshan: sign and symptoms of Kidney Failure, Causes, stages, treatment, diet plan of Kidney Failure, urine color and prevention tips in Hindi | kidney fail hone ke lakshan: किडनी फेल होने पर मिलती हैं 12 चेतावनी, लक्षणों को समझें और तुरंत इलाज कराएं

किडनी की बीमारी के लक्षण

Highlightsपेशाब का रंग बता सकता है किडनी का स्वास्थ्यसमय पर इलाज नहीं कराने से मौत का खतराबीमारी में डाइट का रखें विशेष ध्यान

शरीर के भीतर पेट के निचले हिस्से की तरह दो किडनी होती हैं। आपकी रीढ़ के दोनों तरह होती हैं। किडनियों का काम खून को साफ करना और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। किडनी आपके मूत्राशय में विषाक्त पदार्थों को भेजती है, जिसे आपका शरीर बाद में पेशाब के दौरान विषाक्त पदार्थों को निकालता है।

किडनी फेल होने का क्या मतलब है

किडनी फेल होने का मतलब है कि शरीर में इनके खून को साफ करने की क्षमता खत्म होना। इस स्थिति में किडनियां खून से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने की क्षमता खो देती हैं। 

किडनी फेल होने के कारण

किडनी फेल होने के कई कारण हैं। इनमें पर्यावरण प्रदूष, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स, कुछ पुरानी बीमारियां, डिहाइड्रेशन, किडनी ट्रॉमा आदि शामिल हैं। ध्यान रहे कि जन किडनियां अपना नियमित काम नहीं करती हैं, तो आपका शरीर विषाक्त पदार्थों से भर जाता है। इससे किडनी फेल हो सकती है, जिसका समय पर इलाज नहीं कराने से मौत भी हो सकती है।

किडनी फेल होने के लक्षण

कभी-कभी किडनी फेल होने के कोई लक्षण मौजूद नहीं होते हैं। हालांकि इसके सामान्य लक्षणों में मूत्र की कम मात्रा, पैरों, घुटनों और तलवों में सूजन, सांस की कमी, अत्यधिक उनींदापन या थकान, लगातार मतली, उलझन होना, सीने में दर्द या दबाव, चक्कर आना, बेहोशी आदि शामिल हैं। 

किडनी फेल होने के शुरुआती लक्षण

प्रारंभिक अवस्था में किडनी की बीमारी के लक्षण पहचानना मुश्किल हो सकता है। किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षणों में मूत्र में कमी, अंगों में सूजन और सांस लेने में कठिनाई आदि शामिल हैं। 

किडनी फेल होने पर क्या खायें

किडनी फेलियर वाले लोगों के लिए कोई स्पेशल डाइट नहीं है। खाना-पीना उनकी स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही खाना-पीना चाहिए। लेकिन आपको ऐसी स्थिति में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

- सोडियम और पोटेशियम को सीमित करें। आप इन दोनों पोषक तत्वों का कितना हिस्सा ले रहे हैं, इस पर नजर रखें। दोनों के प्रति दिन 2,000 मिलीग्राम से कम खाने का लक्ष्य रखें।

- फॉस्फोरस को सीमित करें। सोडियम और पोटेशियम की तरह आपको एक दिन में 1,000 मिलीग्राम से ज्यादा फॉस्फोरस नहीं खाना चाहिए। 

- प्रोटीन का भी रखें ध्यान। बीमारी की शुरुआत में आक कम प्रोटीन ले सकते हैं लेकिन लास्ट स्टेज में आप अपने डॉक्टर की सिफारिशों के आधार पर अधिक प्रोटीन खा सकते हैं।

पेशाब का रंग बता सकता है किडनी की बीमारी

पेशाब का रंग आपके किडनी के कार्य की स्थिति के बारे में तब तक बहुत कुछ नहीं बताता, जब तक कि उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि आपको पेशाब का रंग बदलने को लेकर सतर्क रहना चाहिए। 

साफ या पीला पीला- यह रंग बताता है कि आप अच्छी तरह से हाइड्रेटेड हैं। यह अधिकतर मामलों में आदर्श रंग है।
गहरा पीला- आप डिहाइड्रेशन हो सकते हैं। अधिक पानी पीना और सोडा, चाय, या कॉफी में कटौती करने की कोशिश करें।

नारंगी- यह निर्जलीकरण का संकेत हो सकता है, या यह आपके रक्तप्रवाह में पित्त का संकेत हो सकता है। किडनी की बीमारी आमतौर पर इसका कारण नहीं बनती है।

गुलाबी या लाल- गुलाबी या थोड़ा लाल रंग के साथ मूत्र में रक्त हो सकता है। यह कुछ खाद्य पदार्थों जैसे बीट्स या स्ट्रॉबेरी के कारण भी हो सकता है। एक त्वरित मूत्र परीक्षण अंतर बता सकता है।

झागदार- अतिरिक्त बुलबुले के साथ मूत्र एक संकेत है कि इसमें बहुत अधिक प्रोटीन होने की संभावना है। मूत्र में प्रोटीन गुर्दे की बीमारी का संकेत है।

Web Title: kidney fail hone ke lakshan: sign and symptoms of Kidney Failure, Causes, stages, treatment, diet plan of Kidney Failure, urine color and prevention tips in Hindi

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