World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस से पुरुषों को बांझपन का खतरा, जानिए इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव
By उस्मान | Published: July 27, 2018 12:09 PM2018-07-27T12:09:44+5:302018-07-27T12:09:44+5:30
रिपोर्ट के अनुसार जिन पुरुषों को हेपेटाइटिस बी होता है उनमें बांझपन होने के चांसेस 1.59 गुना ज्यादा रहता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, हेपेटाइटिस की वजह पुरुषों की इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में तकरीबन 36 करोड़ लोगों को हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी है। हेपेटाइटिस के कारण व्यक्ति के लीवर में सूजन हो जाता है। साथ ही सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं। इन्हीं वजहों से पुरुषों में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के अनुसार जिन पुरुषों को हेपेटाइटिस बी होता है उनमें बांझपन होने के चांसेस 1.59 गुना ज्यादा रहता है। वायरस हेपेटाइटिस बी शुक्राणु की एक्टिविटी और शुक्राणुओं की निषेचन दर कम होने लगता है जिसकी वजह से बांझपन होता है।
HBSG और HCV टेस्ट है जरूरी
दिल्ली के मशहूर सेक्सोलॉजिस्ट विनोद रैना के अनुसार, हेपेटाइटिस वायरस का अंडाशय पर असर नहीं पड़ता है लेकिन पुरुषों में शुक्राणु के बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ इंफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे कपल्स का एचबीएसएजी और एचसीवी टेस्ट होना चाहिए। इससे प्रजनन क्षमता के बारे में स्पष्ट सहायता मिल सकेगी। इससे उन्हें प्रजनन क्षमता पर कुछ स्पष्टता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और वे अपने साथी या बच्चे को यह रोग स्थानांतरित करने से बच सकेंगे। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के लिए पॉजिटिव घोषित हो चुके और बांझपन का उपचार चाहने वाले जोड़ों को सलाह देने की जरूरत है। इससे उन्हें बीमारी के ट्रांसमिशन के जोखिम को समझने में मदद मिलेगी। किसी भी सहायक प्रजनन तकनीकों के सुझाव दिए जाने चाहिए, जिससे एक बार में ही उचित उपचार किया जाए तो उनकी समस्या कम हो।
हेपेटाइटिस क्या है?
यह मूल रूप से लीवर की बीमारी होती है, जो वायरल इन्फेक्शन होने के कारण होती है। इस अवस्था में लीवर में सूजन आती है। हेपाटाइटिस में पांच प्रकार के वायरस होते हैं, जैसे- ए,बी,सी,डी और ई। टाइप बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं क्योंकि इनके कारण लीवर सिरोसिस और कैंसर होता है। हेपाटाइटिस वायरस के पान प्रकार-
1) हेपेटाइटिस ए- डब्ल्यूए के अनुसार हर साल 1.4 मिलयन लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। ये खाना और पानी के विषाक्त होने से यह आम तौर फैलता है।
2) हेपेटाइटिस बी- इन्फेक्टेड ब्लड के ट्रांसफ्यूशन और सिमन और दूसरे फ्लूइड के इक्सपोशर के कारण यह संक्रमित होता है।
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3) हेपेटाइटिस सी- यह हेपेटाइटिस सी वायरस के कारण होता है। `यह ब्लड और इन्फेक्टेड इन्जेक्शन के इस्तेमाल से होता है।
4) हेपेटाइटिस डी- यह हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) के कारण होता है। जो लोग पहले से एचबीवी वायरस के इन्फेक्टेड होते हैं वे ही इस वायरस से संक्रमित होते हैं। एचडीवी और एचबीवी दोनों के एक साथ होने के कारण स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
5) हेपेटाइटिस ई- हेपेटाइटिस ई वायरस के कारण यह होता है। दुनिया के ज्यादातर देशों में हेपेटाइटिस के संक्रमण का यही कारण है। यह विषाक्त पानी और खाना के कारण ज्यादा होता है।
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एक्यूट हेपेटाइटिस- अचानक लीवर में सूजन होता है जिसका लक्षण छह महीने तक रहता है और रोगी धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। एचएवी इन्फेक्शन के कारण आम तौर पर एक्यूट हेपैटाइटिस होता है।
क्रॉनिक हेपेटाइटिस- क्रॉनिक एचसीवी इन्फेक्शन से 13-150 मिलयन लोग दुनिया भर में प्रभावित होते हैं। लीवर कैंसर और लीवर के बीमारी के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग मरते हैं। एचइवी इन्फेक्शन क्रॉनिक रोगी का इम्यून सिस्टेम भी बूरी तरह से इफेक्ट होता है।
हेपेटाइटिस के कारण
1) वायरल इन्फेक्शन
हेपैटाइटिस ए, हेपैटाइटिस बी या हेपैटाइटिस सी वायरस के कारण इसका मूल कारण है।
2) ऑटोइम्यून कंडिशन
कभी-कभी शरीर के इम्यून सेल से यह पता चलता है कि लीवर का सेल क्षतिग्रस्त हो रहा है।
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3) अल्कोहल
अल्कोहल सीधे लीवर के द्वारा मेटाबॉलाइज़्ड होता है, जिसके कारण यह शरीर के दूसरे भागों में भी संचारित होने लगता है। इसलिए अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन करने से हेपैटाइटिस होने का खतरा होता है।
4) ज्यादा मात्रा में दवाई लेना
कुछ दवाइयां जैसे एसिटामिनोफेन का सेवन जब बहुत ज्यादा होने लगता है तब इसका विषाक्त पदार्थ लीवर सेल के सूजन का कारण बन जाता है।
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हेपेटाइटिस के लक्षण
- पीलिया
- पेशाब का रंग गहरा होना
- अत्यधिक थकान
- मतली
- उल्टी
- पेट दर्द और सूजन
- खुजलाहट
- भूख कम लगना
- वजन का घटना
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हेपेटाइटिस की रोकथाम
- अपना रेजर, टूथब्रश और सूई को किसी से शेयर न करें
- टैटू करने के वक्त उपकरणों से सावधान रहें
- कान को छेद करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि वह साफ हो
- सेक्स करते वक्त सावधानी बरतें
(फोटो- पिक्साबे)