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Health Budget 2020 : बीमारियों से निपटने के लिए 'स्वच्छ भारत मिशन' को मिले 12,300 करोड़

By उस्मान | Updated: February 1, 2020 13:20 IST

स्वास्थ्य चिंताओं से निपटने के लिए स्वच्छ भारत योजना शुरू की गई है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 'आम बजट-2020' पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से निपटने के लिए 'स्वच्छ भारत योजना' शुरू की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के लिए 2020-21 में 12,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट-2020 में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को 69,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 6,400 करोड़ रुपये आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) के लिए होंगे। इस बार आवंटन में 6341 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जो पिछले साल 62,659 करोड़ रुपये था। 

स्वास्थ्य सेवा का जिक्र करते हुए सीतारमन ने कहा, 'स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिलों को प्राथमिकता दी गई है। देश के सौ जिलों में आयुष्मान भारत के तहत अस्पताल बनाए जायेंगे। सरकार पीपीपी मॉडल के तहत सरकार द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में अस्पताल खोलेगी। 

सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि इन जिलों में इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य ढांचे के लिए चिकित्सा उपकरणों पर करों से प्राप्त आय का उपयोग किया जाएगा।

बजट 2020 पेश करते हुए और सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए, सीतारमण ने कहा, 'स्वच्छता और पानी की तरह आयुष्मान भारत सरकार की उपलब्धियों में से एक है।' 

मिशन इन्द्रधनुष योजना से 12 बीमारियों को जोड़ा गया है।

आयुष्मान भारत के तहत 100 जिलों में नए अस्पताल बनाए जाएंगे।

टीबी हारेगा देश जीतेग अभियान चलाया जाएगा, साल 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म किया जाएगा

पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज बनाए जायेंगे।

112 आस्परेशनल जिलों में जहां इम्पैनल अस्पताल नहीं है उन्हें तवज्जो दी जाएगी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।

देश के सभी जिलों में जनऔषधि केंद्रों का विस्तार किया जाएगा ताकि सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें।

मेडिकल उपकरणों पर जो टैक्स लगता है उससे मिलने वाले पैसे का उपयोग अस्पताल बनाने में किया जाएगा। 

सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों दोनों रूप में योग्य चिकित्सा डॉक्टरों की कमी है।

2020-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव 

महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ का प्रावधान

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