सोते समय सिर इन दो में से एक दिशा में ही होना चाहिए, जानिए कारण और लाभ
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 3, 2018 04:08 PM2018-11-03T16:08:30+5:302018-11-03T16:08:30+5:30
लोस सेवा इतवारी शहीद चौक स्थित श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर सैतवाल जैन मंदिर संस्था के बाहुबली भवन में आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव के प्रवचन हुए. शुक्रवार को आचार्यश्री ने कहा कि रात्रि 9 से 11 बजे तक सो जाना चाहिए. जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. सुबह 4 से 5 बजे के बीच जागने वाले को दिव्य पुरुष कहा जाता है. सुबह 5 से 6 बजे तक जागने वाले को मनुष्य कहा जाता है. जहां हमें सोना है वह स्थान खुला हवादार होना चाहिए. जहा सोते हैं वहां विकल्प नहीं होना चाहिए. पीछे खिड़की न हो और सामने दरवाजा न हो और ऊपर बीम नहीं होना चाहिए.
सोते समय सिर दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए. उत्तर दिशा में सिर रख कर नहीं सोना चाहिए. गृहस्थ व्यक्ति को रात्रि में उत्तर दिशा में सिर रख कर नहीं सोना चाहिए क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता. इससे कई बीमारियां होती हैं.
खासकर जीवन आयु शक्ति का हृास होता है. ईशान्य में शौचालय नहीं होना चाहिए. धर्मसभा में प्रदीप कुमार जैन, प्रतिष्ठाचार्य सचिन जैन ने गुरुदेव को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया. धर्मसभा का संचालन नितिन नखाते ने किया.