कहते हैं कि समय का पहिया किसी के लिए नहीं रूकता। समय के साथ जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, मनुष्य को बहुत सी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। लेकिन यदि आप मेडिटेशन का सहारा लें तो आपको बिना किसी दर्द के अपनी सभी मर्ज का इलाज मिल जाएगा। मेडिटेशन आपके सिर्फ तन को ही नहीं, बल्कि मन को चुस्त-दुरूस्त बनाकर आपको हर तरह से फिट बनाता है।
फायदों की खान
मेडिटेशन एक ऐसी दवा की तरह काम करता है, जिसके जरिए बाहरी व भीतरी हर तरह के मर्ज का इलाज किया जा सकता है। इसके फायदों की तो कोई गिनती ही नहीं है। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही इससे दिमाग भी तेज और एक्टिव होता है। यह आपके एजिंग के साइन्स को कम करके आपको लंबे समय तक जवां बनाता है।
इतना ही नहीं, आपकी इम्युनिटी को बढ़ाकर हर प्रकार की बीमारी से लड़ने में मदद करता है। अगर आपको बहुत अधिक गुस्सा आता है तो मेडिटेशन आपके गुस्से पर भी लगाम लगाता है। अगर आप हर रोज मेडिटेशन करते हैं तो आपको नींद भी अच्छी आती है। जिससे आपका पूरा दिन खुशहाल बीतता है।
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न तोड़ें रूटीन
अगर आप वास्तव में चाहते हैं कि आपको मेडिटेशन का फायदा मिले तो इसके लिए आपको मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। आप चाहे कितने भी व्यस्त क्यों न हों, लेकिन खुद के लिए पांच मिनट निकालना तो आपके लिए असंभव नहीं होगा। मेडिटेशन रोजाना करना बेहद आवश्यक है। कभी-कभार करने से कोई फायदा नहीं होने वाला।
यूं करें मेडिटेशन
- मेडिटेशन करने के लिए आपको सबसे पहले रिलैक्स होना सीखना होगा। इसके लिए आप आराम से लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। फिर गहरी सांस लें
- इसके पश्चात् अपने सीधे पैर पर सारा ध्यान ले जाएं। पंजे को आगे और पीछे की ओर खींचें
- एक बार खींचने पर दो बार गहरी सांस लें और छोड़ें। इतनी देर तक पंजे को उसी पॉजिशन में रखें
- इसके बाद पैर के तनाव को रिलीज कर दें। फिर गहरी सांस लें और उल्टे पैर के साथ भी यही प्रक्रिया दोहराएं
- पूरी बॉडी को रिलैक्स करने के लिए आप शरीर के हर भाग मसलन टखना, घुटना, कोहनी, हथेली आदि के साथ भी यही प्रक्रिया करें।
धीरे-धीरे आप पूरी बॉडी को रिलैक्स करना सीख जाएंगे। इस प्रक्रिया को करने के लिए आपको सिर्फ पांच मिनट लगेंगे। आप चाहें तो रिलैक्स होने के लिए मेडिटेशन के दौरान कोई सॉफ्ट म्यूजिक भी लगा सकते हैं।