वर्ल्ड हार्ट डे 2018: हर किसी को कराने चाहिए दिल से जुड़े ये 4 मेडिकल टेस्ट
By गुलनीत कौर | Updated: September 29, 2018 09:21 IST2018-09-29T09:21:43+5:302018-09-29T09:21:43+5:30
Happy World Heart Day 2018, Theme, Quotes, Messages, Images (वर्ल्ड हार्ट डे 2018):पेट में दर्द, मतली, सूजन महसूस करना और पेट ख़राब रहना, ये कमजोर दिल के लक्षण हैं।

वर्ल्ड हार्ट डे 2018: हर किसी को कराने चाहिए दिल से जुड़े ये 4 मेडिकल टेस्ट
आजकल की फास्ट लाइफस्टाइल में कई नई बीमारियाँ सुनने को मिलती हैं। हृदय रोग की बात करें तो पहले केवल हार्ट अटैक का नाम ही सुनने को मिलता था लेकिन अब तो यहां भी कई नए नाम जुड़ गए हैं, जैसे कि - धमनियों का संकरा हो जाना, हार्ट फेल्योर, दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना, हार्ट वाल्व से जुड़ी बीमारी, कार्डियक अरेस्ट आदि। आज 29 सितंबर यानी वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर हम आपका ध्यान हृदय रोगों और उससे जुड़ी कुछ जानकारी की ओर खींचना चाहते हैं।
एक ज़माना था जब 50 की उम्र पार करने के बाद दिल से जुड़े रोग व्यक्ति को अपना शिकार बना लेते थे। लेकिन आजकल के युवा भी इस गंभीर बीमारी के चपेट में आ चुके हैं। डॉक्टर ऐसे कई लक्षण बताते हैं जो यदि किसी व्यक्ति को खुद में दिखें तो यह कमजोर दिल होने के संकेत हैं।
हृदय रोग या हार्ट अटैक आने के लक्षण:
- दिनभर थकान महसूस होना
- पेट में दर्द, मतली, सूजन महसूस करना और पेट ख़राब रहना
- अनिद्रा, चिंता और तनाव बड़ा कारण है
- सांस में कमी हार्ट अटैक का बड़ा लक्षण है
- इसके अलावा बालों का झड़ना हृदय रोग का बड़ा जोखिम माना जाता है
डॉक्टर्स की राय में सेहतमंद लाइफस्टाइल जीने से, सही खानपान और एक्सरसाइज से भी हृदय रोगों से बचाव हो सकता है। लेकिन इसके साथ अगर समय रहते कुछ मेडिकल टेस्ट करवा लिए जाएं तो मुसीबत के आने से पहले ही बचाव हो सकता है।
दिल की बीमारियों से बचना हो तो ये 4 टेस्ट जरूर करवाएं:
1. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
बॉडी में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है, एक गुड और दूसरा बैड। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने से हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल को एमजी/डीएल में मापा जाता है। अगर आपका कुल कॉलेस्ट्रॉल 200 एमजी/डीएल या इससे ज्यादा आता है तो डॉक्टर आगे का इलाज कर सकते हैं।
2. ईकेजी टेस्ट
अगर कुछ दिन लगातार सीने में दर्द की शिकायत हो तो ईकेजी नाम का टेस्ट कराया जाता है। साधारण भाषा में लोग इस टेस्ट को ईसीजी के नाम से भी जानते हैं। इस टेस्ट में मरीज की छाती, भुजाओं और पैरों की त्वचा पर छोटे इलेक्ट्रोड पैच लगाकर दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है।
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3. ईसीजी/स्ट्रेस टीएमटी
ये टेस्ट साधारण ईसीजी से थोड़ा अलग होता है। इस टेस्ट में पहले शरीर को किसी एक्टिविटी के जरिए थकाया जाता है और फिर ईसीजी करके यह चेक किया जाता है कि दिल कितना तनाव झेल पा रहा है।
4. सीटी स्कैन
सीटी स्कैन शरीर के कई हिस्सों का किया जाता है लेकिन सिर्फ दिल का भी सीटी स्कैन होता है। इस टेस्ट में दिल की संरेचना, कोरोनरी सर्कुलेशन और रक्त नलिकाओं का क्या हाल है, इसका पता लगाया जाता है।

