एनोरेक्सिया से पीड़ित इस दुबली-पतली लड़की ने ऐसे बनाया हॉट एंड सेक्सी फिगर
By उस्मान | Published: June 19, 2018 04:45 PM2018-06-19T16:45:07+5:302018-06-19T16:45:07+5:30
लंबे समय से कुछ नहीं खाने से उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उसकी कभी भी मौत हो सकती थी।
ज्यादातर लोगों को यह चिंता होती है कि उनका वजन बढ़ ना जाए, लेकिन जब चिंता हद से ज्यादा होने लगे तो यह एक मानसिक विकार का रूप ले लेती है जिसे एनोरेक्सिया नर्वोसा कहते हैं। स्वीडन की 18 वर्षीय अमांडा क्रिस्टियानियन 11 साल की उम्र से ही इस बीमारी का शिकार थी। वास्तव में अमांडा खुद को स्लिम एंड फिट रखना चाहती थी। यही वजह थी कि उसने खाना- पीना छोड़ दिया था। इसके बाद वो इस बीमारी का शिकार हो गई। उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उसके दोस्तों ने उससे दूरी बना ली थी।
दोस्तों ने बना ली दूरी
अमांडा कुछ नहीं खाती थी। उसे घर से जो भी खाने की चीज मिलती थी, उन चीजों को छिपा लेती थी। वो केवल चुइंग गम खाती थी और स्पार्कलिंग वाटर पीती थी। उसके घर वाले भी इस बात से परेशान थे कि उसका वजन कम क्यों होता जा रहा है और वो इतनी पतली कैसे होती जा रही है। अमांडा ने सोचा था कि स्लिम और फिट बॉडी होने की वजह से उसके दोस्त उसे खूब प्यार करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वो इतनी दुबली-पतली हो गई कि उसके दोस्त भी उसे नापसंद करने लगे। अमांडा को इस बात का बहुत ज्यादा अफसोस होने लगा। लंबे समय से कुछ नहीं खाने से उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उसकी कभी भी मौत हो सकती थी।
शरीर की हालत देखकर होने लगा अफसोस
अमांडा को इस बात का अफसोस होने लगा कि उसके दोस्तों ने धीरे-धीरे उससे दूरी बना ली। उसे अपने शरीर की हालात देखकर खुद परेशानी होने लगी थी। हालांकि बाद में उसे महसूस हुआ कि अपनी हालत के लिए वो खुद जिम्मेदार है और उसने वजन बढ़ाने और अपनी बॉडी को फिट करने के लिए मेहनत करनी शुरू कर दी। अपनी बॉडी को टोन देने के लिए वो रोजाना ट्रेनिंग करती थी और अपनी डाइट से शुगर व कार्बोहाइड्रेट बिल्कुल अलग कर दिया।
यह भी पढ़ें- सिर्फ वजन उठाना काफी नहीं, बेहतर बॉडी के लिए एक्सरसाइज से पहले और बाद में जरूर खायें ये चीजें
ऐसे मिली टोंड बॉडी
अमांडा ने खुद को फिट रखने के लिए खूब मेहनत की। वो रोजाना वर्कआउट करने लगी और खाने-पीने लगी। आज अमांडा की बॉडी परफेक्ट है और मीडियम साइज के कपड़े पहन सकती है। अमांडा के अनुसार, इंसान बीमारी को खुद न्योता देता है। बीमारी से बचने और उसे मात देने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाना चाहिए।
अमांडा के अनुसार, इसमें कोई शक नहीं है कि जब कोई व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित होता है तो उसे बहुत गुस्सा या चिंता महसूस होती है लेकिन किसी भी रोग से लड़ने के लिए आपको धीरे-धीरे खद को मजबूत बनाना पड़ता है। बेशक यह आसान नहीं है लेकिन इससे आपको मदद मिलती है। जब तक आप रोगों के खिलाफ लड़ाई नहीं करेंगे, तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। यह एक रात में संभव नहीं है लेकिन कोशिश करने से आपको धीरे-धीरे सफलता जरूर मिल सकती है।
(फोटो- डेलीमेल)