स्मार्टफोन न रखने वाले वाले मरीजों के लिए खुशखबरी, ओपीडी पंजीकरण के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट आईडी के उपयोग को बढ़ावा देगा एम्स, जानें असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 18, 2022 08:39 PM2022-11-18T20:39:52+5:302022-11-18T20:40:54+5:30

पंद्रह नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यह एम्स के सभी ओपीडी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के ‘स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड’ समाधान को अपनाने के लिए आवश्यक होगा, ताकि त्वरित पंजीकरण की सुविधा मिल सके और मरीजों के आने पर पंजीकरण कतार संख्या प्रदान की जा सके।

delhi aiims Good news patients do not have smartphones promote use Ayushman Bharat health account ID for OPD registration know effect | स्मार्टफोन न रखने वाले वाले मरीजों के लिए खुशखबरी, ओपीडी पंजीकरण के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट आईडी के उपयोग को बढ़ावा देगा एम्स, जानें असर

एक जनवरी से एम्स नयी दिल्ली के सभी ओपीडी में मिशन मोड में शुरू की जाएगी।

Highlightsकाउंटर और बूथ कम से कम सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक संचालित किए जाएंगे। परियोजना 21 नवंबर से नयी राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में शुरू की जाएगी।एक जनवरी से एम्स नयी दिल्ली के सभी ओपीडी में मिशन मोड में शुरू की जाएगी।

नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने नए और अनुवर्ती मामलों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) पंजीकरण के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट (एबीएचए) आईडी के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।

पंद्रह नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यह एम्स के सभी ओपीडी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के ‘स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड’ समाधान को अपनाने के लिए आवश्यक होगा, ताकि त्वरित पंजीकरण की सुविधा मिल सके और मरीजों के आने पर पंजीकरण कतार संख्या प्रदान की जा सके।

इसके साथ ही, स्मार्टफोन न रखने वाले वाले मरीजों के लिए एबीएचए आईडी बनाने की सुविधा के लिए समर्पित काउंटर और बूथ कम से कम सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह परियोजना 21 नवंबर से नयी राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में शुरू की जाएगी और एक जनवरी से एम्स नयी दिल्ली के सभी ओपीडी में मिशन मोड में शुरू की जाएगी।

कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि एबीएचए आईडी ओटीपी का उपयोग करते हुए पंजीकरण के समय अकसर देरी होती है तथा ओटीपी को फिर से भेजने का अधिकतम प्रयास भी तीन बार तक सीमित है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के स्कैन और शेयर क्यूआर कोड समाधान ने पंजीकरण में लगने वाले समय को कम करने में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं और अस्पताल पहुंचने पर मरीज की यात्रा को सुव्यवस्थित करने में भी मदद की है।

इसके अलावा, उक्त समाधान बायोमेट्रिक है और एबीएचए आईडी विवरण साझा करने की अनुमति देने के लिए ‘फेस-ऑथेंटिकेशन’ सक्षम है। एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘तदनुसार, एम्स में नए और अनुवर्ती मरीजों के ओपीडी पंजीकरण के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एकाउंट (एबीएचए) आईडी के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।’’

इसमें कहा गया है कि एबीएचए आईडी के उपयोग को और बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ रोगियों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के क्यूआर कोड आधारित साझाकरण को भी ‘व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड’ (पीएचआर) ऐप्लिकेशन के उपयोग से सक्षम किया जाएगा।

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