लाइव न्यूज़ :

Covid Cases In Delhi: लोगों की लापरवाही ओर मास्क नहीं पहनना, सामाजिक दूरी का पालन नहीं करना, विशेषज्ञ बोले- इस कारण बढ़ रहे कोविड केस

By भाषा | Updated: August 4, 2022 21:44 IST

Covid Cases In Delhi: विशेषज्ञों ने कहा कि मामलों में उतार-चढ़ाव आने से संकेत मिलता है कि महामारी ‘एंडेमिक’ चरण में है। ‘एंडेमिक’ में कोई भी महामारी एक बार आती है लेकिन उसके बाद हर साल उसके कुछ मामले रिपोर्ट होते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देबुधवार को दिल्ली में कोरोना वायरस के दो हजार से ज्यादा मामले मिले जो बीते करीब छह महीने में सबसे ज्यादा थे।संक्रमण के कारण पांच मरीजों की जान गई है जो 25 जून के बाद सर्वाधिक है। मास्क नहीं लगा रहा है, लोग भीड़भाड़ वाले इलाकों में जा रहे हैं और बार-बार हाथ नहीं धो रहे हैं।

नई दिल्लीः दिल्ली में लोग कोरोना वायरस से महफूज़ रहने के उपाय करने में लापरवाही बरत रहे हैं और एक दूसरे से दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं जिससे कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। अलग अलग अस्पतालों के विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को यह राय व्यक्त की।

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि मामलों में उतार-चढ़ाव आने से संकेत मिलता है कि महामारी ‘एंडेमिक’ चरण में है। ‘एंडेमिक’ में कोई भी महामारी एक बार आती है लेकिन उसके बाद हर साल उसके कुछ मामले रिपोर्ट होते हैं। बुधवार को दिल्ली में कोरोना वायरस के दो हजार से ज्यादा मामले मिले जो बीते करीब छह महीने में सबसे ज्यादा थे।

चिंता की बात यह है कि संक्रमण के कारण पांच मरीजों की जान गई है जो 25 जून के बाद सर्वाधिक है। 25 जून को छह लोगों की जान गई थी। बहरहाल, डॉक्टरों ने कहा कि मरीज तेज़ी से उबर रहे हैं और सिर्फ ऐसे संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है जिन्हें पहले से कोई अन्य बीमारी है।

ओखला स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में पल्मोनोलॉजी के वरिष्ठ डॉक्टर अवी कुमार ने बताया, “ हम देख रहे हैं कि कोविड के मामले युवाओं में और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों में बढ़ रहे हैं। कोई भी मास्क नहीं लगा रहा है, लोग भीड़भाड़ वाले इलाकों में जा रहे हैं और बार-बार हाथ नहीं धो रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों की संख्या कम है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है और संक्रमित हो रहे ज्यादातर लोग एक- दो दिन बुखार आने की शिकायत कर रहे हैं। कुमार ने कहा, “ जिन लोगों को दिल, गुर्दे और फेफड़ों से संबंधित बीमारी है, उन्हें ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है।”

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि यह तब होता है जब बीमारी ‘एंडेमिक’ चरण के करीब पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि यह सभी को पता है कि वायरस पर गर्मी, उमस या मौसम के बदलने का असर नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, “ त्योहारी मौसम में मामले बढ़ने शुरू हुए हैं जब विदेश यात्रा में इजाफा हुआ है।

कांवड़ यात्रा हाल में खत्म हुई है और आने वाले दिनों में और पर्व आने हैं।” डॉक्टरों ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि कई मरीज़ अस्पताल किसी अन्य बीमारी का इलाज कराने के लिए आए और वे कोविड से संक्रमित पाए जाते हैं। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ सुभाष गिरी ने कहा कि अस्पताल में जिन लोगों की जान गई है उनकी मौत का प्राथमिक कारण कोविड नहीं था।

टॅग्स :दिल्ली में कोरोनाकोविड-19 इंडियावर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशनकोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यरमेश ठाकुर का ब्लॉग: आधुनिक जीवनशैली से भी बढ़ रहे हैं नेत्र रोग

स्वास्थ्यतो हर साल बच सकती हैं 1.5 करोड़ जानें?, क्या आप सभी हैं तैयार, हमें करना होगा ये काम, लांसेट रिपोर्ट में अहम खुलासा

स्वास्थ्यविश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

स्वास्थ्यकेरल में अलर्ट, 'मस्तिष्क भक्षी अमीबा' से 19 लोगों की मौत, जानें प्रकोप से जुड़ी 5 अहम बातें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत