लाइव न्यूज़ :

Covid-19 vaccine: कोरोना वैक्सीन का दूसरा ड्राई रन आज, जानिये क्या है ड्राई रन और क्यों जरूरी, 10 खास बातें

By उस्मान | Updated: January 8, 2021 09:59 IST

जानिये ड्राई रन क्या होता है और टीकाकरण से पहले इसे करने से क्या होता है

Open in App
ठळक मुद्देटीकाकरण से पहले यह दूसरा ड्राई रन है पिछले हफ्ते चला था पहला ड्राई रनड्राई रन का उद्देश्य टीकाकरण की कमियों को समझना

कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण से पहले आज यानी शुक्रवार को देशभर में दूसरा ड्राई रन होगा। एक दिन के इस ड्राई रन में प्रत्येक साइट पर 25 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को डमी टीके मिलेंगे। ड्राई रन का उद्देश्य टीकाकरण में आने वाली समस्याओं को समझना और उनका समाधान निकालना है।

ड्राई रन 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (केंद्र शासित प्रदेशों) के 736 जिलों के तीन-सत्र स्थलों पर किया जाएगा। इस बीच, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में ड्राई रन नहीं होगा, क्योंकि वे पहले ही अपने सभी जिलों में इसका संचालन कर चुके हैं।

ड्राई रन क्या है (What is Dry run)

ड्राई रन कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की लॉजिस्टिक्स और ट्रेनिंग में खामियों को दूर करने का सबसे बेस्ट तरीका है। यह एक तरह का रिहर्सल है। इस प्रक्रिया के दौरान यह ध्यान में रखा जाता है कि इसमें कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद इसे किस तरह से लगाया जाना है, इसकी क्या तैयारियां होनी हैं। इस दौरान इन्हीं तमाम चीजों का परीक्षण किया जाता है।

ड्राई रन क्यों जरूरी है (Why Dry run is important)

इसमें टीकाकरण के लिए तैयार हुए को-विन (CoWIN) ऐप के उपयोग में परिचालन का भी परीक्षण किया जाएगा। इसके जरिये यह भी देखा जाएगा कि टीकाकरण के दौरान क्या-क्या अड़चनें आ रही हैं और उन्हें किस तरह दूर किया जाना चाहिए। इसे मोक ड्रिल का का ना भी दिया जा रहा है। 

ड्राई रन में 25 स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रत्येक स्थान पर डमी के रूप में टीके दिए जाएंगे। यह वास्तविक टीकाकरण अभियान से पहले सिस्टम में संभावित परेशानियों को जांचने का तरीका है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ड्राई रन से टीकाकरण के बाद होने वाली किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं को समझने और उसे सुलझाने में मदद मिलेगी।

दक्षिण दिल्ली जिले में 10 टीकाकरण केंद्रों को शुक्रवार के पूर्वाभ्यास के लिए चुना गया है, जिनमें एम्स, सफदरजंग अस्पताल शामिल हैं। दक्षिण पूर्वी जिले में 19 स्थानों को चुना गया है और उत्तर पश्चिम जिले में, 12 स्थानों को अभ्यास के लिए चुना गया है, जबकि नई दिल्ली जिले में चार स्थलों को चुना है। 

उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में शुक्रवार को कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जाएगा । टीकाकरण का पूर्वाभ्यास प्रत्येक जिले में 10 स्थानों पर कुल 130 चिकित्सा इकाईयों में किया जायेगा, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है। 

मंत्रालय ने कहा, "यह गतिविधि टीकाकरण के नियोजन, कार्यान्वयन और सूचना तंत्रों के बीच की कड़ी को मजबूत करने, वास्तविक कार्यान्वयन से पहले किसी भी चुनौतियों की पहचान करने और टीकाकरण अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों को विश्वास प्रदान करने में मदद करेगी।

 मंत्रालय ने कहा, "अपनी यात्रा के दौरान, डॉ. हर्षवर्धन व्यक्तिगत रूप से तैयारियों की समीक्षा करेंगे और निर्धारित स्थल पर टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के संचालन का निरीक्षण करेंगे

कोविशील्ड और कोवाक्सिन को मिली मंजूरी

भारत को कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोविशील्ड' और 'कोवाक्सिन' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। अब देश में कभी टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत