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Coronavirus: WHO की चेतावनी, अगर अभी भी नहीं किये ये 5 काम तो कोरोना वायरस से मचेगी भारी 'तबाही'

By उस्मान | Updated: September 2, 2020 10:30 IST

कोरोना से बचने के उपाय: डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को फैलने से रोकने के कुछ उपाय बताए हैं जिन पर गौर किया जाना चाहिए

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ठळक मुद्देलॉकडाउन खोलने के प्रति गंभीर रहे सभी देशबड़े आयोजनों से बचना चाहिए कोरोना से 90 प्रतिशत देशों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकली इस कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में अब तक 861,251 लोगों की मौत हो गई है और 25,900,741 इस संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।

तेजी से बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के बीच समाजों को इतनी जल्दी खोलना 'तबाही का कारण' बनेगा। 

लॉकडाउन को लेकर गंभीर रहे सभी देशडब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गब्रेयसस ने जोर देकर कहा कि जो देश लॉकडाउन खोलने के प्रति गंभीर है उन्हें संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भी गंभीर होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'इसे संतुलित करना असंभव नहीं है।' 

डब्ल्यूएचओ ने दिए चार सुझावटेड्रोस ने देशों, समाजों और लोगों को चार बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया जिनमें बड़े आयोजनों से बचने, सबसे असुरक्षित लोगों की रक्षा, स्वयं की रक्षा और संक्रमितों का पता लगाने और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक करने के लिए पता लगाने, अलग करने, जांच करने और संक्रमित पाए जाने पर उचित देखभाल शामिल है। 

90 प्रतिशत देशों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावितडब्ल्यूएसओ प्रमुख ने कहा कि नये सर्वेक्षण में पता चला है कि इसमें शामिल 90 प्रतिशत देशों में कोविड-19 की वजह से अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं। उल्लेखनीय है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों की स्वास्थ्य सेवाओं पर कोविड-19 के असर का आकलन करने के लिए 105 देशों में यह सर्वेक्षण किया गया था। 

बेहतर तैयारी की जरूरतटेड्रोस ने कहा कि मार्च और जून में पांच क्षेत्रों में कराए गए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि मौजूदा महामारी की तरह स्वास्थ्य आपदा से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की जरूरत है। 

सर्वेक्षण से पता चला कि 70 प्रतिशत देशों में नियमित टीकाकरण सबसे अधिक प्रभावित हुआ। इसके बाद जांच और गैर संचारी रोगों जैसे हृदय रोग आदि का इलाज प्रभावित हुआ। करीब एक चौथाई देशों ने कहा कि महामारी की वजह से आपात चिकित्सा सेवा प्रभावित हुई है।  

टीकाकरण, परिवार नियोजन, कैंसर जैसी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक नये सर्वेक्षण के हवाले से कहा है कि सर्वेक्षण में शामिल 90 फीसदी देशों में कोविड-19 महामारी के चलते टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं, कैंसर एवं हृदय रोग जांच एवं उपचार जैसी अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि इस सर्वेक्षण में 105 देश शामिल हुए और उसका लक्ष्य खासकर निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में पहले से ही दबाव में गुजर रही स्वास्थ्य प्रणाली पर कोरोना वायरस के असर का मूल्यांकन करना था। 

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि मार्च और जून के बीच पांच क्षेत्रों में कराये गये सर्वेक्षण ने ‘हमारी स्वास्थ्य प्रणाली में खामियों’ और कोविड-19 महामारी जैसी जैसी स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए बेहतर तैयारी की जरूरत को सामने ला दिया। 

महामारी के चलते 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमितडब्ल्यूएचओ के अनुसार इस महामारी के चलते 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हुए और 8,43,000 लोगों की जान गयी। सर्वेक्षण में सामने आया कि कोविड-19 महामारी से टीकाकरण और अन्य संपर्क सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं तथा 70 फीसद देशों ने बाधा पहुंचने की बात मानी। 

उसके बाद हृदयरोग और कैंसर जैसे गैर संक्रामक रोगों की जांच और उपचार पर भी इस महामारी का बुरा असर पड़ा। करीब एक चौथाई देशों ने कहा कि आपात सेवाएं अवरूद्ध हुईं।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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