COVID-19: 10 साल से छोटे बच्चों में बढ़ रहा है कोरोना, जानें बच्चों में कोरोना के लक्षण और बचाव के उपाय
By उस्मान | Published: March 29, 2021 10:18 AM2021-03-29T10:18:24+5:302021-03-29T10:18:24+5:30
बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के उपाय और लक्षणों के बारे में जानिये
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इस महीने की शुरुआत से 26 मार्च तक 10 साल से कम उम्र के 470 से ज्यादा बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। शहर में संक्रमण के मामलों में तीव्र वृद्धि देखने को मिल रही है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कुल 244 लड़के और 228 लड़कियां एक से 26 मार्च तक संक्रमित हुए। इस महीने की शुरुआत में प्रतिदिन आठ से नौ बच्चे संक्रमित हो रहे थे, लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और 26 मार्च को यह 46 तक पुहंच गई। इन सभी बच्चों की उम्र दस साल से कम है।
बच्चों में कोरोना के फैलने के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार पहले की तुलना में अब बच्चों के संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है क्योंकि कार्यक्रमों, जमावड़ों और कुछ कक्षाओं के लिए विद्यालय खुल जाने के बाद बच्चे घर से ज्यादा निकल रहे हैं, जबकि ऐसा लॉकडाउन लगे रहने के दौरान नहीं होता था।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के महामारी विशेषज्ञ एवं प्रोफेसर डॉक्टर गिरिधर आर बाबू ने कहा, 'विद्यालयों के खुलने, कार्यक्रमों और जमावड़ों में हिस्सा लेने की वजह से वे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वे सुरक्षित थे, लेकिन उनके कई तरह की गतिविधियों में शामिल होने की वजह से खतरा अब ज्यादा बढ़ गया है।'
उन्होंने कहा कि कई मामलों में तो बच्चों से घर के सदस्यों में भी संक्रमण का प्रसार हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए सामाजिक दूरी का पालन करना और लंबे समय तक मास्क पहने रहना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि भले ही 10 साल से कम उम्र के बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे हों, लेकिन वे अन्य बच्चों के साथ मैदानों और पार्कों में खेलते हैं।
बच्चों में कोरोना के लक्षण और बचाव के उपाय
सबसे ज्यादा परेशानी पेरेंट्स को झेलनी पड़ रही है। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि छोटे बच्चों में कोरोना की कैसे पहचान की जाए। जाहिर है बच्चे अक्सर आम सर्दी या फ्लू के लक्षणों से पीड़ित रहते हैं। यह कैसे मालूम किया जाए कि उनके लक्षण सर्दी-फ्लू के हैं या कोरोना वायरस के।
एनएचएस डॉट यूके के अनुसार, कोरोना वायरस के तीन सबसे बड़े लक्षण होते हैं और अगर किसी को यह भी लक्षण पाए जाते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। कोरोना के अधिकतर लोगों में इनमें से एक लक्षण जरूर पाया जाता है।
पहला लक्षण है तेज बुखार होना। इसका मतलब है कि आप अपनी छाती या पीठ पर छूने पर गर्म महसूस करेंगे (आपको अपने तापमान को मापने की आवश्यकता नहीं है)।
दूसरा लक्षण है एक नई और लगातार खांसी होना। इसका मतलब है कि एक घंटे से अधिक समय तक खांसी रहना, या 24 घंटे में 3 या अधिक बार खांसी के झटके आना (यदि आपको आमतौर पर खांसी रहती है, तो इस मामले में यह सामान्य से अधिक खराब हो सकता है)।
तीसरा लक्षण है गंध या स्वाद की कमी। इसका मतलब है कि आपने देखा है कि आप कुछ भी सूंघ या स्वाद नहीं ले सकते हैं। या आपको सामान्य से अलग गंध या स्वाद आ रहा है।
लक्षण जानने के बाद क्या करें
अगर आपको ऊपर बताये गए तीन लक्षणों में से एक भी महसूस होता है, तो आपको तुरंत कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए। जब तक आपका रिजल्ट नहीं आ जाता, तब तक आपको सबसे अलग रहना चाहिए। माना जाता है कि अधिकतर मामलों में कोरोना के लक्षण खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन लक्षणों के बिगड़ने पर आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
इस बात का रखें ध्यान
जाहिर है अगर आपके बच्चे में इनमें से कोई लक्षण है तो उसे अलग नहीं रखा जा सकते है। ऐसे मामले में आपको परिवार में से किसी व्यक्ति को उसके साथ रहना चाहिए। इस दौरान आप दोनों को किसी तीसरे सदस्य से नहीं मिलना चाहिए।
बच्चों के लक्षणों पर रखें नजर
- ध्यान रहे अगर बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है और उसका तापमान 38 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए
- अगर बच्चा 3 से 6 महीने का है, तो उसका तापमान 39 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए
- इस बात का ध्यान रखें कि बुखार के साथ उसे अन्य लक्षण हैं, जैसे कि दाने तो नहीं हैं
- ध्यान रखें कि तापमान 5 दिनों या उससे अधिक समय तक तो नहीं रहता है
- डिहाइड्रेशन का ध्यान रखें कि वो बार-बार पेशाब तो नहीं कर रहा
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)