COVID-19: वैज्ञानिकों का दावा, इस वजह से महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को मार रहा है कोरोना, ऐसे करें बचाव

By भाषा | Published: May 12, 2020 10:01 AM2020-05-12T10:01:33+5:302020-05-12T10:07:32+5:30

वैज्ञानिकों के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा था कि कोरोना वायरस से पुरुष ज्यादा प्रभावित क्यों हो रहे हैं

Covid-19: Reasons why coronavirus more spread in men than women | COVID-19: वैज्ञानिकों का दावा, इस वजह से महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को मार रहा है कोरोना, ऐसे करें बचाव

COVID-19: वैज्ञानिकों का दावा, इस वजह से महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को मार रहा है कोरोना, ऐसे करें बचाव

कोरोना वायरस की चपेट में महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आ रहे हैं और मर रहे हैं। दुनियाभर के डॉक्‍टरों और वैज्ञानिकों के लिए अभी तक यह पहली बना हुआ था कि महिलाएं कैसे कोरोना वायरस के कहर से बच रही हैं। अब एक नए अध्ययन में इसका कारण सामने आया है। अध्ययन के मुताबिक महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के रक्त में ऐसे अणुओं की संख्या ज्यादा होती है जो आसानी से कोरोना वायरस के वाहक बन जाते हैं। 

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 4,255,942 लोग आ चुके हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस महामारी ने करीब 3 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। 

इस अध्ययन के जरिए अब यह पता लगाना आसान होगा कि आखिरकार महिलाओं के मुकाबले पुरुष कोरोना वायरस से ज्यादा संख्या में क्यों संक्रमित हो रहे हैं और उनमें संक्रमण से मृत्यु दर क्यों ज्यादा है। 

यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि जो मरीज दिल का दौरा पड़ने के कारण एसीई और कुछ अन्य दवाएं ले रहे हैं, उनके रक्त में भी कोरोना वायरस के लिए वाहक एसीई2 एंजाइम की मात्रा कम है। 

नीदरलैंड के ग्रोनिंजेन विश्वविद्यालय से जुड़े इस अध्ययन के सह-लेखक एड्रियान वूर्स का कहना है, ‘हमारा निष्कर्ष कोविड-19 मरीजों की उक्त दवाएं बंद करने की सलाह नहीं देता है, जैसा कि पहले के कई अध्ययनों में कहा गया है।’ 

इससे पूर्व आए अध्ययनों में यह कहा गया था कि उक्त दवाएं लेने से व्यक्ति के रक्त के प्लाजमा में एसीई2 की मात्रा बढ़ जाती है, ऐसे में हृदय रोग से पीड़ित लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। 

हमारे अध्ययन के मुताबकि, ऐसा नहीं है। हालांकि हमने सिर्फ प्लाजमा में एसीई2 की सांद्रता पर ही अध्ययन किया है और हृदय उत्तकों और अन्य उत्तकों में इस एंजाइम की मात्रा को अध्ययन में शामिल नहीं किया है। 

वूर्स ने कहा, एसीई2 कोशिकाओं की झिल्ली पर लगे रिसेप्टर (ग्राही) हैं। यह कोरोना वायरस के साथ जुड़ जाते हैं और वायरस को अंदर प्रवेश कर स्वस्थ कोशिका को बीमार बनाने में मदद करते हैं। 

उन्होंने बताया कि फेफड़ों में एसीई2 ग्राहियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, इसलिए, ऐसा माना जा रहा है कि कोविड-19 के मरीजों को हो रही श्वसन और फेफड़े संबंधी परेशानियों में ये ग्राही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।  

इससे पहले एक शोध में बताया गया था कि बुजुर्गों और मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों की कोविड-19 के कारण मौत होने का ज्यादा खतरा है। फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिंग भेद का परीक्षण किया गया है।

Web Title: Covid-19: Reasons why coronavirus more spread in men than women

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