भारत में कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, एक दिन में करीब 1 लाख नए मामले, इन 10 गलतियों ने कर दिया 'बंटाधार'
By उस्मान | Published: September 10, 2020 11:51 AM2020-09-10T11:51:51+5:302020-09-10T12:04:38+5:30
Covid-19 in India: भारत में जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि देश जल्द ही पहले स्थान पर पहुंच जाएगा
भारत में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 95,735 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर बृहस्पतिवार को 44 लाख के पार हो गए। वहीं 1,172 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 75,062 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पतिवार तक 34,71,783 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
मृत्यु दर गिरकर 1.68 प्रतिशत हुई
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के कुल 44,65,863 मामले सामने आ चुके हैं। उसके अनुसार मृत्यु दर गिरकर 1.68 प्रतिशत हो गई और मरीजों के ठीक होने की दर 77.74 प्रतिशत है।
9,19,018 मरीजों का इलाज जारी
आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 9,19,018 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 20.58 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के पार हो गई थी। यह 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार पहुंच गई थी।
अब तक 5,29,34,433 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में नौ सितम्बर तक 5,29,34,433 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई है, जिनमें से 11,29,756 नमूनों की जांच बुधवार को ही की गई।
भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के कारण
गलत तरीके से मास्क पहनना
लॉकडाउन खुल गया है और अब सड़कों पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग गलत तरीके से मास्क पहनते हैं। कई लोग आपको मास्क को गले में टांग लेते हैं। या फिर मुंह और नाक को कवर नहीं करते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करने से आपके नाक या मुंह के जरिये बूंदें शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।
खुद को अलग नहीं करना
अगर आपको संदेह है कि आपको कोरोना जैसे लक्षण हैं जिनमें हल्के बुखार, खांसी या गले में खराश शामिल हैं, तो आपको खुद को अलग कर लेना चाहिए। अधिक गंभीर लक्षण, जैसे उच्च बुखार, कमजोरी, सुस्ती या सांस की तकलीफ वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। लेकिन लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। देखा गया है कि लोग इन लक्षणों के साथ ही बाहर घूम रहे हैं। ऐसा करना आपको और अन्य लोगों को जोखिम में डाल सकता है।
मिथकों पर विश्वास करना
सोशल मीडिया पर कई इस तरह की जानकारियां वायरल हो रही हैं जिनमें कुछ तरीकों को आजमाकर कोरोना का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। आपको बता दें कि अगर आपको किसी भी तरह का लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको वायरल हो रहे मिथकों की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से आप दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
सिर्फ वैकल्पिक उपचार की तलाश
बीमार लोग वैकल्पिक उपचार या प्राकृतिक चिकित्सा पर भरोसा करके अपने और दूसरों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकते हैं। सीडीसी के अनुसार, कोरोना के लिए कोई टीका नहीं है। इसलिए लहसुन खाना, विटामिन सी वाले सप्लीमेंट खाना और अधिक गर्म पानी पीना आदि से सावधान रहें। किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट कराएं और डॉक्टर की सलाह फॉलो करें।
साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना
कुछ लोग साफ-सफाई पर अभी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपको ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना चाहिए जो बीमार हैं। अपनी आँखें, नाक और मुंह नहीं छूना। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें। खांसी या छींक के समय मुंह को कवर करें और टिश्यू को कचरे में डालना। नियमित रूप से घर की सफाई स्प्रे या वाइप्स का उपयोग करके अक्सर छुआ गई वस्तुओं और सतहों की सफाई और कीटाणुरहित करना।
मास्क नहीं पहनना
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कुछ 'गैर जिम्मेदार' लोगों के मास्क नहीं पहनने तथा सामाजिक दूरी बनाकर नहीं रखने से भारत में कोरोना वायरस महामारी बढ़ रही है।
सामजिक दूरी नहीं बनाना
भार्गव ने यह भी कहा कि आईसीएमआर ने दूसरा राष्ट्रीय सीरो सर्वे शुरू किया है जो सितंबर के पहले सप्ताह तक पूरा किया जाएगा। भार्गव ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि जवान या वृद्ध ऐसा कर रहे हैं, मैं कहूंगा कि गैर-जिम्मेदार, कम जागरुक लोग मास्क नहीं पहन रहे और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं जिससे भारत में महामारी बढ़ रही है।'
कोविड-19 का डर कम होना
जनता के बीच कोविड-19 को लेकर डर कम होने और उत्सवों के मौसम तथा भारी बारिश के कारण अब कम संख्या में लोग जांच करा रहे हैं। विशेषज्ञों ने अगस्त में दिल्ली में कोरोना वायरस की जांच के रोजाना के आंकड़ों में बदलाव के मद्देनजर यह बात कही।
अधिकारियों ने एक अगस्त से 15 अगस्त के बीच दिल्ली में कोविड-19 के लिए 2.58 लाख से अधिक नमूनों की जांच की, वहीं जुलाई में इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.13 लाख से अधिक था। दिल्ली में पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय में पहली बार 1,500 से अधिक मामले आए।
जांच कराने नहीं जाना
मीडियोर अस्पताल कुतुब इंस्टीट्यूशन एरिया में प्रभारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ दिन तक कोरोना वायरस की जांच के लिए कम संख्या में लोग अस्पताल आए, इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी जैसे अवकाश वाले दिनों और त्योहारों पर भी जांच के लिए कम संख्या में लोग आए।
राममनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी देश दीपक ने कहा कि जांच की संख्या में बदलाव आ रहा है क्योंकि लोग छुट्टी वाले दिन बड़ी संख्या में नहीं आते।
एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना
मामले बढ़ने की एक वजह लोगों द्वारा एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना है। संक्रमण फैलने के अन्य कारणों में त्योहार का मौसम, कोविड-19 का संदेह होने पर भी देर से जांच करवाना, संक्रमितों के संपर्क में आना, प्रवासियों का लौटना और अनलॉक (लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के कदम हैं। बीते कुछ दिन में नए मामले और उपचाराधीन मरीज भी बढ़े हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)