भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों तथा किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में वायरस की मात्रा के बीच एक कड़ी होने का पता लगाया है। तेलंगाना में कोविड-19 के 200 से अधिक रोगियों पर हुए अध्ययन में यह बात सामने आई जो नीति निर्माताओं को नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बारे में बेहतर जानकारी दे सकती है।
हैदराबाद में सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) के वैज्ञानिकों समेत अन्य अनुसंधानकर्ताओं ने बिना लक्षण वाले मरीजों के प्राथमिक और द्वितीय स्तर के संपर्कों का पता लगाकर उनकी जांच कराने और फिर उन पर निगरानी रखने की सलाह दी है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों को मृत्यु दर बढ़ने का खतरासीडीएफडी की लैबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर ओंकोलॉजी से मुरली धरण बश्याम ने कहा, 'बिना लक्षण वाले रोगियों से संक्रमण की आशंका समझना या ऐसा समझ लें कि जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है उनसे संक्रमण ऐसे लोगों में फैलना जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी मजबूत नहीं है तो मृत्यु दर बढ़ने का खतरा होता है।'
डॉक्टर हुए हैरानअध्ययन के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि वह बिना लक्षण वाले लोगों में वायरस की मात्रा (वायरल लोड) अधिक होने का पता चलने से थोड़े हैरान हैं।
लक्षणों वाले मरीजों में कम वायरसवैज्ञानिकों के अनुसार मई अंत से जुलाई तक एकत्रित नमूने पहले इकट्ठे किये गये नमूनों की तुलना में बिना लक्षण वाले मरीजों के अधिक अनुपात को इंगित करते हैं। अध्ययन में सामने आया कि लक्षण वाले संक्रमण के मामलों का संबंध बिना लक्षण वाले मामलों की तुलना में अधिक सीटी मूल्य से यानी वायरस की कम मात्रा (वायरस लोड) से है।
बिना लक्षण वाले मरीजों से ज्यादा फैलता है वायरसअमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च टॉन्सलेशनल इंस्टीट्यूट के एरिक टोपोल सहित कई वैज्ञानिकों ने नोवल कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों के आंकडों की समीक्षा की। ‘अनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के कुल मरीजों में 40 से 45 प्रतिशत मरीज बिना किसी लक्षण वाले हो सकते हैं और संक्रमण फैलने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय है।
जांच का दायरा बढ़ाने की जरूरतटोपोल कहते हैं, ‘‘संक्रमण का इस तरह से फैलना इसे नियंत्रित करने के काम को और चुनौतीपूर्ण बना देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी समीक्षा जांच की जरूरत को रेखांकित करती है। यह स्पष्ट है कि बिना लक्षण वाले संक्रमण की उच्च दर को देखते हुए हमें अपना दायरा बढ़ाने की जरूरत है अन्यथा वायरस हमें चकमा देता रहेगा।’’
14 से अधिक तक संक्रमण फैला सकते हैं बिना लक्षण वाले मरीजसमीक्षा शोध के अनुसार बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीज लंबे समय तक संक्रमण फैला सकते हैं और यह वक्त 14 दिन से अधिक भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों की बड़ी संख्या पर अध्ययन की जरूरत है।
बिना लक्षणों वाले मरीजों को क्या करना चाहिए
कोरोना की जांच कराएंअगर आपके परिवार या संपर्क में आने वाला कोई व्यक्ति पॉजिटिव है तो आपको आपको भी कोरोना का खतरा हो सकता है। इसलिए आपको भी जांच करानी चाहिए। अगर आपने जांच नहीं कराई और तो और कोई लक्षण भी नहीं है तो संभव है आप चपेट में आ चुके हों। इसलिए जांच कराकर संतुष्ट हो जाएं। अगर पॉजिटिव भी हो तो घर पर रहकर इलाज करें।
घर में रहेडॉक्टरों के अनुसार, ऐसे मरीजों से कोरोना का संक्रमण फैलने का सबसे अधिक खतरा होता है इसलिए ऐसे मरीजों को घर के अंदर रहना चाहिए। जाहिर है ऐसे लोगों से दूसरे लोगों को भी खतरा हो सकता है। अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो तो आप खुद को अलग कर लें और कुछ उपायों या दवाओं के जरिये अपना इलाज करने की कोशिश करें।
फेस मास्क पहनेंआप संक्रमण को रोकने के लिए फेस मास्क जरूर पहनें। आप कपड़े का मास्क भी लगा सकते हैं। खासकर ऐसी जगह मास्क जरूर लगायें, जहां लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखना मुश्किल है।
दवाएं और घरेलू उपचारऐसे लोग घर में रहकर डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाएं और आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। आयुष मंत्रालय के अनुसार, अदरक, तुलसी, हल्दी, लौंग और दालचीनी जैसी जड़ी बूटियों का काढ़ा, गर्म पानी पीना, एक्सरसाइज करना आदि से वायरस से निपटा जा सकता है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)