Covid in kids: कोरोना से पीड़ित बच्चों का कैसे होगा इलाज, सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश, जानें बच्चों में कोविड के 5 लक्षण

By उस्मान | Published: June 10, 2021 09:50 AM2021-06-10T09:50:46+5:302021-06-10T09:56:08+5:30

कोरोना के इलाज में बच्चों को नहीं दी जाएगी स्टेरॉइड और रेमडेसिविर

Centres Covid Treatment Guidelines for kids: Dont Use Remdesivir, Limit CT Scan, Steroid, sign and symptoms of covid-19 in kids in Hindi | Covid in kids: कोरोना से पीड़ित बच्चों का कैसे होगा इलाज, सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश, जानें बच्चों में कोविड के 5 लक्षण

कोरोना का इलाज

Highlightsकोरोना के इलाज में बच्चों को नहीं दी जाएगी स्टेरॉइड और रेमडेसिविरसिर्फ गंभीर मामलों में मिलेगी स्टेरॉइडएचआरसीटी का होगा उपयोग

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के कई मामले साने आये। एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की भी आशंका जताई है और बताया जा रहा है कि इसमें बच्चे सबसे अधिक प्रभावी होंगे।

इस बीच सरकार ने बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रबंधन के लिए समग्र दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें रेमेडेसिविर के इस्तेमाल का सुझाव नहीं दिया गया है और सीटी स्कैन के तार्किक इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है। 

हल्के मामलों में स्टेरॉइड पर रोक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि संक्रमण के लक्षणमुक्त और हल्के मामलों में स्टेरॉइड दवाओं का इस्तेमाल हानिकारक है। 

गंभीर मामलों में मिलेगी स्टेरॉइड
डीजीएचएस ने केवल अस्पताल में भर्ती गंभीर और अत्यंत गंभीर मामलों के रोगियों के उपचार में ही कड़ी निगरानी के तहत स्टेरॉइड दवाओं के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। 

स्टेरॉइड का इस्तेमाल सही समय पर ही किया जाना चाहिए और इसकी सही खुराक दी जानी चाहिए तथा सही अवधि के लिए दी जानी चाहिए। स्वयं से स्टेरॉइड के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इनमें कहा गया है, '18 साल से कम उम्र के बच्चों में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों का अभाव है।'

एचआरसीटी का होगा उपयोग
डीजीएचएस ने कहा है कि बच्चों के मामले में हाई रेजोल्यूशन सीटी (एचआरसीटी) का युक्तिपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए।

कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि इसमें सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि माता-पिता बच्चों में कोरोना के लक्षणों से अवगत हों और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

बच्चों में कोरोना के लक्षण
* बुखार
* खांसी
* साँस लेने में तकलीफ़
* जुकाम के लक्षण जैसे गले में खराश, कंजेशन या नाक बहना
* ठंड लगना
* मांसपेशियों में दर्द
* सरदर्द
*8 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में स्वाद या गंध की कमी
* मतली या उलटी
* दस्त
*थकान

सूजन भी है कोरोना का लक्षण
यहां तक कि पूरे शरीर में सूजन एक प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है. कभी-कभी वायरस से संक्रमित होने के कई सप्ताह बाद भी यह लक्षण दिखाई दे सकता है। इसे बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) कहा जाता है। डॉक्टर अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये लक्षण कोरोना वायरस महामारी से कैसे संबंधित हैं।

मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण
* बुखार
* पेट दर्द
*उल्टी या दस्त
* गर्दन में दर्द
* लाल आँखें
*बहुत थकान महसूस होना
*लाल, फटे होंठ
* सूजे हुए हाथ या पैर
* सूजी हुई ग्रंथियां (लिम्फ नोड्स)

लक्षण महसूस होने पर क्या करें
यदि आपका बच्चा एमआईएस-सी से पीड़ित है, तो उसे सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या दबाव, होंठ या चेहरे का नीला पड़ना या सोने में परेशानी हो सकती है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और बच्चे को अस्पताल ले जाना चाहिए। 

यह देखा गया है कि वे बच्चे अस्पताल की देखभाल से ठीक हो जाते हैं, कभी-कभी आईसीयू में प्रवेश करना पड़ सकता है। बच्चे की स्थिति को देखकर और उसकी जांच करने के बाद, डॉक्टर तय करेगा कि इसके बारे में क्या करना चाहिए।

 

Web Title: Centres Covid Treatment Guidelines for kids: Dont Use Remdesivir, Limit CT Scan, Steroid, sign and symptoms of covid-19 in kids in Hindi

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