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रिपोर्ट में दावा, भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामले 50% बढ़े, इन 8 लक्षणों से करें पहचान, समय पर सही इलाज में मिल सकती है मदद

By उस्मान | Updated: October 23, 2021 08:56 IST

ब्रेस्ट कैंसर की रिपोर्ट करने वाली 50 प्रतिशत महिलाओं की उम्र 35 से 50 वर्ष के बीच है।

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ठळक मुद्देब्रेस्ट कैंसर की रिपोर्ट करने वाली 50 प्रतिशत महिलाओं की उम्र 35 से 50 वर्ष के बीचयह अनुमान डॉक्टरों के ओपीडी रिकॉर्ड पर आधारित लक्षणों को सही समय पर पहचानकर सही इलाज में मिल सकती है मदद

कैंसर एक बेहद ही खतरनाक जानलेवा बीमारी है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं जिनमें से एक ब्रेस्ट कैंसर है, जो महिलाओं में सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर से हर साल 2.1 मिलियन महिलाएं प्रभावित होती हैं। यह महिलाओं में कैंसर से संबंधित सबसे बड़ी मौत का कारण भी है। 

भारत में पिछले तीन वर्षों से मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं (35-50 वर्ष की आयु) में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह अनुमान डॉक्टरों के ओपीडी रिकॉर्ड पर आधारित है। 

फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के सीनियर कंसलटेंट डॉ रमेश सरीन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के रिकॉर्ड के आधार पर हमने देखा है कि ब्रेस्ट कैंसर की रिपोर्ट करने वाली 50 प्रतिशत महिलाओं की उम्र 35 से 50 वर्ष के बीच है।

उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में हमने पाया है कि रिपोर्ट किए गए मामलों में से 53 प्रतिशत कैंसर के प्रारंभिक चरण में हैं और 47 प्रतिशत कैंसर के उन्नत चरणों में हैं, कुल मिलाकर 20 प्रतिशत चरण 4 में हैं और 27 प्रतिशत स्टेज 3 में हैं। 

उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में कैंसर का सबसे आम रूप है और महिलाओं के बीच पूरे कैंसर के बोझ का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा है। सीमित जागरूकता और सही निदान नहीं होने की वजह से हर 20 में से सिर्फ एक महिला को इस कैंसर का पता चल पाता है।

जागरूकता की कमी के कारण भारत में अधिकांश महिलाओं में स्तन कैंसर का पता अपने उन्नत चरणों में चला जाता है और इस प्रकार सभी संबंधित उपचार के तौर-तरीकों से गुजरना पड़ता है जो शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होते हैं। 

ब्रेस्ट कैंसर का समय पर इलाज जरूरी​

स्तन कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। जिससे की आप इसकी पहचान कर सही समय पर इलाज कर सके।

कई महिलाओं को इसके बारे में कुछ पता नहीं होता है, यहां तक की कुछ ऐसी चीजे होती हैं जिसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आपको स्तन कैंसर के बारे में जानकारी हो। हम आपको बताने जा रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और और बचाव के तरीके।

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के कारण

स्तन कैंसर के मुख्य कारण होते हैं स्तन की कोशिकाओं का असमान्य रूप से बढ़ना। ये कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में ज्यादा तेजी से अलग गांठ का निर्माण करती हैं।

कोशिकाएं अपने स्तन के जरिए आपके लिफ्म नोड्स या आपके शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है। शोधकर्ताओं ने हार्मोनल, जीवनशैली और पर्यावरणिय कारकों की पहचान की है जो स्तन कैंसर के खतरे को बंढ़ा सकते हैं। 

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ऍम लक्षणों में 1) ब्रेस्ट के उपर की त्वचा में लगातार बदलाव होना, 2) निप्पल उलटा होना, 3) निप्पल या हड्डी के त्वचा खराब होना, 4) ब्रेस्ट के उपर लाल होना, 5) स्तन में गांठ या गाढ़ा होना, 6) निप्पल से डिस्चार्ज होना, 7) स्तन के आकार में परिवर्तन होना।

लक्षण दिखने पर क्या करना चाहिए

अगर ऊपर बताये गए कोई भी लक्षण आपको दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसमें किसी भी प्रकार की देरी आपके जीवन को खतरे में डाल सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि समय पर लक्षणों की पहचान करके और इलाज से इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है।

कैसे करें ब्रेस्ट कैंसर से बचाव

शराब का सेवन कम मात्रा में करें, नियमित रूप से आपको व्यायाम करें। शरीर के मोटापे को बढ़ने से रोके, एक अच्छी डाइट लें। स्तन कैंसर स्क्रीनिंग के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें। पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी को सीमित करें।

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