बोतलबंद पानी पीने वाले हो जाएं अलर्ट?, शोध में खुलासा, माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल, बॉडी को लेकर हानिकारक?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 11, 2025 17:17 IST2025-12-11T17:14:53+5:302025-12-11T17:17:57+5:30

दोबारा भरने करने योग्य जग और प्लास्टिक की बोतलों में बेचे जाने वाले पानी पर किए गए परीक्षणों के दौरान बैक्टीरिया संदूषण का स्तर उच्च पाया गया।

Bottled water drinkers should be alert Research reveals contains microplastics chemical residues and bacteria harmful body | बोतलबंद पानी पीने वाले हो जाएं अलर्ट?, शोध में खुलासा, माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल, बॉडी को लेकर हानिकारक?

सांकेतिक फोटो

Highlightsअक्सर स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए जोखिम खड़े होते हैं।बोतलबंद पानी उतना सुरक्षित नहीं हो सकता जितना कई लोग मानते हैं। पानी की तुलना में कड़े कानूनी और परीक्षण मानकों के तहत परखा जाता है।

न्यू कैसलः पानी के प्रति बढ़ते अविश्वास के कारण बोतलबंद जल का सेवन दुनियाभर में एक आदत बन गयी है। यहां तक कि उन देशों में भी ऐसा हो रहा है जहां सार्वजनिक जलापूर्ति की बहुत गहराई से जांच की जाती है। बाजार ने बोतलबंद पानी को शुद्ध, स्वस्थ और अधिक सुविधाजनक उत्पाद के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाण एक अलग कहानी बताते हैं। शुद्धता के एहसास को केंद्र में रखकर बोतलबंद पानी के सेवन की अपील की जाती है, फिर भी शोध यह दिखाते हैं कि इससे अक्सर स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए जोखिम खड़े होते हैं।

इस साल एक शोध में पता चला कि बोतलबंद पानी उतना सुरक्षित नहीं हो सकता जितना कई लोग मानते हैं। दोबारा भरने करने योग्य जग और प्लास्टिक की बोतलों में बेचे जाने वाले पानी पर किए गए परीक्षणों के दौरान बैक्टीरिया संदूषण का स्तर उच्च पाया गया। अधिकांश विकसित देशों में, नल के पानी को बोतलबंद पानी की तुलना में कड़े कानूनी और परीक्षण मानकों के तहत परखा जाता है।

रोजाना सार्वजनिक जलापूर्ति में बैक्टीरिया, भारी धातुओं और कीटनाशकों की जांच की जाती है। ब्रिटेन में, पेयजल परीक्षण के परिणामों को खुले रूप से प्रकाशित किया जाता है। अमेरिका में, जल आपूर्तिकर्ताओं के लिए पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) की निगरानी में राष्ट्रीय प्राथमिक पेयजल नियमों का पालन करना आवश्यक है।

पूरे यूरोप में, ईयू पेयजल निदेशालय जल की गुणवत्ता को परखता है। इसके विपरीत, बोतलबंद पानी को एक पैक किए गए खाद्य उत्पाद के रूप में नियंत्रित किया जाता है। इसका कम परीक्षण किया जाता है और निर्माताओं को गुणवत्ता की विस्तृत जानकारी प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं होती।

शोध में बोतलबंद पानी में संदूषक पाए गए हैं, जिनमें माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल हैं। 2024 के एक शोध में कुछ उत्पादों में प्रति लीटर लाखों प्लास्टिक कण मौजूद होने का पता चला। अन्य शोध से यह संकेत मिलता है कि बोतलबंद पानी में अक्सर नल के पानी की तुलना में ‘माइक्रोप्लास्टिक्स’ की सांद्रता उच्च होती है, जिससे सूजन, हार्मोनल विकार और मानव अंगों में कणों के जमा होने से जुड़े संभावित खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। प्लास्टिक की बोतलों में ‘एंटीमनी’, ‘फथैलेट्स’ और ‘बिसफेनोल एनालॉग्स’ जैसे रासायनिक पदार्थ भी घुले हो सकते हैं।

एंटीमनी एक उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) है जो पीईटी की बोतलें बनाने में उपयोग किया जाता है। पीईटी एकल-उपयोग वाले पेय पदार्थों की बोतल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे सामान्य प्लास्टिक है। इसके अलावा बोतलों में ‘फथैलेट्स प्लास्टिकाइजर्स’ का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो प्लास्टिक को लचीला बनाए रखता है।

बिसफेनोल एनालॉग्स का इस्तेमाल प्लास्टिक को कुछ कठोर बनाने और खाद्य एवं पेय पदार्थों की कैन पर कोटिंग करने के लिए किया जाता है। ये पदार्थ विशेष रूप से गर्म वातावरण जैसे कि गाड़ियों, डिलीवरी वैन या सीधे सूर्य की रोशनी में बोतलें रखे जाने के दौरान पानी में घुल सकते हैं। वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कुछ यौगिक ‘एंडोक्राइन डिस्टर्बर्स’ के रूप में कार्य कर सकते हैं।

यानी ये शरीर के हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ ‘प्थालेट्स’ और ‘बिसफेनोल्स’ के उच्च स्तर के कारण प्रजनन स्वास्थ्य, मेटाबॉलिज्म और विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, बोतल बंद पानी में पाए जाने वाले इन यौगिकों के स्तर आमतौर पर कम होते हैं और दीर्घकालिक जोखिम अभी तक स्पष्ट नहीं हैं।

वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बार-बार और लंबी अवधि तक इन पदार्थों के संपर्क से मानव स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। बोतलबंद पानी आपातकालीन परिस्थितियों में या जहां नल का पानी वास्तव में असुरक्षित हो, वहां आवश्यक होता है।

लेकिन अधिकांश विकसित देशों में यह नल के पानी से न तो सुरक्षित है और न ही साफ। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण पानी की उपलब्धता को प्रभावित कर रहे हैं, बोतलबंद और नल के पानी के बीच असल फर्क को समझना पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।

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