बीड़ी पीने से 2017 में भारत को हुआ 805.5 अरब रुपये का नुकसान : अध्ययन
By भाषा | Published: December 30, 2018 04:51 PM2018-12-30T16:51:25+5:302018-12-30T16:51:25+5:30
बीड़ी पीने से कई तरह के कैंसर, क्षयरोग और फेंफड़े संबंधी बीमारियां होती हैं। फिर भी उसपर सिगरेट के मुकाबले बहुत कम कर लगता है।
कोच्चि (केरल), 30 दिसंबर: ‘बीड़ी’ पीने के कारण हुई बीमारियों और असामयिक मौत से भारत को 2017 में 805.5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
बीड़ी भारत में बहुत लोकप्रिय है और धूम्रपान में प्रयुक्त तंबाकू का 81 प्रतिशत हिस्सा इसमें इस्तेमाल होता है। देश में 15 साल से ज्यादा उम्र के 7.2 करोड़ उपयोक्ता हैं।
पत्रिका ‘टोबैको कंट्रोल’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, केरल में ‘सेन्टर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीपीआर) के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक बीड़ी में सामान्य सिगरेट के मुकाबले कम तंबाकू होता है। निकोटिन का स्तर इसमें ज्यादा होता है। बीड़ी चूंकि बेहद धीरे-धीरे जलती है। ऐसे में उसे पीने वाले व्यक्ति के शरीर में ज्यादा रासयन प्रवेश कर जाता है।
बीड़ी पीने से कई तरह के कैंसर, क्षयरोग और फेंफड़े संबंधी बीमारियां होती हैं। फिर भी उसपर सिगरेट के मुकाबले बहुत कम कर लगता है।
भारत में कभी भी बीड़ी पीने से होने वाले आर्थिक नुकसान का आकलन नहीं किया गया है। आर्थिक नफा-नुकसान के संबंध में किए गए पहले अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि बीमारियों और असामयिक मौत से भारत को 805.5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।
सीधे खर्च जैसे... मेडिकल जांच, दवाएं, डॉक्टर की फीस, अस्पताल का खर्च, आना-जाना आदि मिलाकर करीब 168.7 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं अप्रत्यक्ष खर्च जैसे... रिश्तेदारों के रहने और देखभाल तथा आय जरिया बंद होने से 811.2 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।