मौसमी सर्दी, खांसी के लिए खा रहे एंटीबायोटिक्स तो हो जाइए सावधान, जानें आईएमए ने दवाओं के इस्तेमाल को लेकर क्या दी सलाह?

By अंजली चौहान | Updated: March 4, 2023 11:24 IST2023-03-04T11:24:31+5:302023-03-04T11:24:39+5:30

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) का हवाला देते हुए आईएमए ने हवाला देते हुए कहा कि इसने कहा कि बुखार जो तीन दिनों के अंत में तीन सप्ताह तक लगातार खांसी के साथ बढ़ता जाता है और इनमें ज्यादातर मामले एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं। 

Be careful if you are taking antibiotics for seasonal cold, cough, know what advice IMA gave regarding the use of medicines | मौसमी सर्दी, खांसी के लिए खा रहे एंटीबायोटिक्स तो हो जाइए सावधान, जानें आईएमए ने दवाओं के इस्तेमाल को लेकर क्या दी सलाह?

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश में बदलते मौसम के साथ एच3एन2 वायरस का खतरा काफी बढ़ रहा है। लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार के बहुत आम लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन इन समस्याओं ने लोगों को काफी परेशान कर रखा है। मामूली दिखने वाली इस बीमारी ने धीरे-धीरे सैकड़ों लोगों को अपने चपेट में ले लिया है।

इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने मौसमी सर्दी और खांसी के दौरान मतली, उल्टी, बुखार, शरीर में दर्द जैसे लक्षणों वाले रोगियों के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर अहम सलाह दी है।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) का हवाला देते हुए आईएमए ने हवाला देते हुए कहा कि इसने कहा कि बुखार जो तीन दिनों के अंत में तीन सप्ताह तक लगातार खांसी के साथ बढ़ता जाता है और इनमें ज्यादातर मामले एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं। 

आईएमए ने इन सर्दी और खांसी के लिए रोगसूचक उपचार-चिकित्सा उपचार या लक्षणों को प्रभावित करने वाली दवा और एंटीबायोटिक्स लेने से बचने का सुझाव दिया है। आईएमए की सलाह है कि पहले इस बात की पुष्टि हो जाए कि ये वायरस किस प्रकार का है और इससे कितना खतरा है।

जांच के बाद ही इन दवाओं के इस्तेमाल करने की अनुमति आईएमए देना चाहता है। आईएमए ने लोगों को सख्त हिदायत दी है कि वह अधिक एंटीबायोटिक न लें। बेहतर हो की इस मौसम में खांसी, बुखार से पीड़ित लोग फौरन डॉक्टर से मिले और उचित इलाज कराए। 

हालांकि, अभी लोग एजिथ्रोमाइसिन और एमोक्सिक्लेव आदि जैसे एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं, वह भी बिना किसी डॉक्टर की सलाह के। दवा के इस्तेमाल के बाद लोगों को कुछ समय के लिए खांसी की परेशानी से निजात भी मिल जा रही है, जिसके बाद वह अपने मन से दवा खाना बंद भी कर दे रहे हैं।

ऐसे में आईएमए ने कहा कि इसे रोकने की जरूरत है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध होता है। आईएमए ने एक बयान में कहा कि जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का वास्तविक उपयोग होगा, वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेगी। 

बयान में आगे कहा गया कि इसे वायरस के सटीक लक्षण नहीं होने के बावजूद चिकित्सकों द्वारा कई एंटीबायोटिक्स निर्धारित किए जा रहे हैं। इसमें लगभग 70 प्रतिशत डायरिया के मामले हैं जिसमें डॉक्टर एंटीबायोटिक्ट मरीज के लिए लिखते हैं। 

इन एंटीबायोटिक्स दवाओं में सबसे ज्यादा उपयोग एंटीबायोटिक्स एमोक्सिसिलिन, नॉरफ्लोक्सासिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, ओफ़्लॉक्सासिन, लेवोफ़्लॉक्सासिन  का किया जा रहा है, जबकि इनका प्रयोग डायरिया और यूटीआई के संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है। 

Web Title: Be careful if you are taking antibiotics for seasonal cold, cough, know what advice IMA gave regarding the use of medicines

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