Delhi Pollution: छोटे बच्चों के लिए घातक बनी जहरीली हवा, गर्भवती महिलाओं के लिए डबल खतरा, जानिए हेल्थ एक्सपर्ट की राय
By धीरज मिश्रा | Published: November 3, 2023 10:43 AM2023-11-03T10:43:22+5:302023-11-03T11:05:01+5:30
लोगों को सुबह और शाम के वक्त सांस लेने में गंभीर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर जहरीली हवा से छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. धीरेन गुप्ता ने भी दिल्ली के बिगड़ती स्थिति पर चिंता प्रकट की है।
Delhi Pollution: दिल्ली की हवा जहरीली होने के साथ अब मानव शरीर को प्रभावित करने लगी है। लोगों को सुबह और शाम के वक्त सांस लेने में गंभीर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर जहरीली हवा से छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. धीरेन गुप्ता ने भी दिल्ली के बिगड़ती स्थिति पर चिंता प्रकट की है।
#WATCH | On air pollution in Delhi, Dr. Dhiren Gupta, senior pediatrician, Sir Ganga Ram Hospital, says, "Pollution is going to impact more the pediatric age group than adults... Once you are exposed in pregnancy, there are very high chance that an unborn newborn will be allergic… pic.twitter.com/IY6DD3UNFy
— ANI (@ANI) November 3, 2023
उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बेहद ही खराब है। ऐसे में वयस्क लोगों से ज्यादा यह वायु प्रदूषण बच्चों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने प्रदूषण से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताए हैं। चलिए जानते हैं प्रदूषण से बचाव के लिए क्या करे क्या न करे।
#WATCH | Latest ANI drone camera footage from Signature Bridge in Delhi shows the city shrouded in a thick blanket of haze.
— ANI (@ANI) November 3, 2023
The air quality in Delhi is in 'Severe' category today as per CPCB (Central Pollution Control Board). pic.twitter.com/cSWsP3QGRy
नवजात बच्चों में एलर्जी की समस्या हो सकती है
दिल्ली की हवा इतनी ज्यादा प्रदूषित हो गई है कि सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा है कि यह प्रदूषण वयस्कों की तुलना में बाल आयु वर्ग को अधिक प्रभावित करने वाला है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए यह तो डबल अटैक जैसा है। क्योंकि एक बार जब आप गर्भावस्था में इसके संपर्क में आ जाते हैं, तो इसकी बहुत अधिक संभावना होती है कि आपके द्वारा जन्म लिए शिशु को बाद में एलर्जी का सामना करना पड़े। शैशवावस्था में फेफड़ों और अन्य क्षेत्रों में रीमॉडलिंग होती है। यह उनके जीवन को प्रभावित करता है।
दिल्ली की सड़कें स्मोकिंग जोन बनी
डॉ. धीरेन गुप्ता के अनुसार, दिल्ली की सड़कें इन दिनों धूम्रपान क्षेत्र की तरह है। यह न केवल उन रोगियों को प्रभावित करता है जिन्हें एलर्जी है या अस्थमा है बल्कि सामान्य लोग जो सुबह व देर शाम को बाहर टहलने के लिए घर से बाहर निकलते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद ही खराब है। ऐसे में हो सके तो सुबह व शाम को घर से बाहर न निकले अगर कुछ जरूरी काम न हो। क्योंकि इस समय प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक होता है।
प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें क्या न करें
डॉ. धीरेन गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण जिस श्रेणी में है। अगर इससे बचाव करना है तो आप N95 मास्क पहन सकते हैं। साथ ही कुछ अन्य उपाय कर सकते हैं जैसे मुंह और चेहरे को कपड़े से कवर करके रखे। साथ ही कुछ ऐसे भी उपाय करें जिससे खुद के बजाव के साथ हम प्रदूषण के स्तर को कम करने में योगदान कर सके।