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कोरोना के बीच निपाह वायरस का खतरा, AIIMS ने बताए बचने के उपाय, WHO ने बताए 5 गंभीर लक्षण

By उस्मान | Updated: September 7, 2021 13:21 IST

एम्स के विशेषज्ञों ने कहा कि बिना धोए और गिरे हुए फल खाना खतरनाक हो सकता है। इससे बचा जाना चाहिए।

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'भगवान का देश' कहे जाने वाला केरल इस वक्त दो-दो वायरस के आगे पस्त नजर आ रहा है। केरल में अब कोविड के बढ़ते केसेज के बाद निपाह वायरस से हुई मौत ने चिंता और बढ़ा दी है। केरल के कोझिकोड में 12 साल के बच्चे की निपाह से मौत हो जाने के बाद केंद्र सरकार ने केरल सरकार से बीमारी से जुड़े मामलों पर कड़ी निगरानी करने की सलाह दी है।

एम्स ने बताए निपाह वायरस से बचने के उपाय

इस बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के विशेषज्ञों ने जारी एडवाइजरी में कहा कि बिना धोए और गिरे हुए फल खाना खतरनाक हो सकता है। इससे बचा जाना चाहिए।

एम्स के डॉक्टर्स के मुताबिक निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में आने के बाद और संक्रामक हो जाता है। निपाह फायरस फ्रूट बैट या फल खाने वाले चमगादड़ से सबसे ज्यादा फैलता है। फ्रूट बैट अपनी लार फल पर ही छोड़ देते हैं। फिर ये फल खाने वाले जानवर या इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।

निपाह वायरस के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक निपाह वायरस (NiV) तेजी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है। निपाह वायरस के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ के साथ बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बुखार जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

कुछ लोगों में मिर्गी के लक्षण दिखने की भी संभावना होती है। संक्रमण बढ़ने से मरीज को बेहोशी के साथ दिमागी बुखार हो सकता है, जिसके बाद मौत भी संभव है। 

लाइलाज बीमारी है निपाह वायरस

फिलहाल इस बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है। इसलिए, हमें यह समझना होगा कि यह एक गंभीर बीमारी है। कोरोना और निपाह संक्रामक वायरस के ही प्रकार है। निपाह वायरस का मामला सबसे पहला मामला 1999 में मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह में सामने आया था।

मलेशिया के इस गांव के ऊपर ही वायरस का भी नाम रखा गया हैं। इस वायरस के इलाज के लिए अब तक कोई दवा नहीं है लेकिन मरीजों पर एंटी-विट्रियल दवाएं आजमाई जाती हैं।

केरल के कोझिकोड में 12 साल के बच्चे की निपाह वायरस से मौत के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए बच्चे के घर के तीन किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

 इससे लगे इलाकों की भी स्वास्थ्य विभाग कड़ी निगरानी कर रहा हैं। कोझिकोड समेत कन्नूर, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी पर रखा है। निपाह वायरस से जान गंवाने वाले 12 वर्षीय लड़के के संपर्क में आने से 38 लोगों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन में रखा गया हैं। इनमें से 11 लोगों में लक्षण नजर आए हैं।

टॅग्स :निपाह वायरसNipah Kerala Centralएम्सWHO
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