20 सालों से 75% लीवर खराब, फिर भी हेल्दी और फिट हैं अमिताभ, लीवर में जमा गंदगी हटाने के 5 तरीके
By उस्मान | Published: August 21, 2019 12:20 PM2019-08-21T12:20:21+5:302019-08-21T12:20:21+5:30
उन्होंने जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करके खुद को इससे बचाया। साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि इस तरह की खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए नियमित चेक-अप कराते रहना बहुत जरूरी है ताकि लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज कराया जा सके।
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया है कि पिछले 20 वर्षों से उनके लिवर का 75 फीसदी हिस्सा खराब है। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2000 में उन्हें टीबी होने का का पता चला था, तो उन्हें यह नहीं पता था कि वो पिछले आठ साल से इससे पीड़ित थे। हालांकि उन्होंने जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करके खुद को इससे बचाया। साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि इस तरह की खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए नियमित चेक-अप कराते रहना बहुत जरूरी है ताकि लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज कराया जा सके।
अमिताभ काफी सालों से पोलियो, हेपेटाइटिस बी, टीबी और डायबिटीज जैसे कई स्वास्थ्य अभियानों के साथ जुड़ चुके हैं। वह लोगों से बीमारियों का परीक्षण और इनके निदान कराने के लिए आग्रह करते आए हैं। टीबी और हेपेटाइटिस बी बहुत खतरनाक बीमारियां हैं जिनका समय रहते इलाज कराना बहुत जरूरी है।
अमिताभ ने कहा, ' मैं लोगों को इन सबके बारे में जागरूक करने की कोशिश करता हूं और सार्वजनिक तौर पर मुझे यह कहने में बुरा महसूस नहीं होता कि मैं टीबी और हेपेटाइटिस बी का मरीज रहा हूं। रक्त का प्रवाह खराब होने के कारण मेरे लीवर का 75 फीसदी हिस्सा खराब हो चुका है। चूंकि मैं इसका पता लगाने में कामयाब रहा इसलिए आज बीस साल के बाद भी 25 फीसदी पर जीवित हूं।'
लीवर डैमेज करके आपको पीलिया, सिरोसिस, हेपेटाइटिस का मरीज बना सकती हैं ये चीजें
लीवर शरीर का सबसे प्रमुख अंग है। इसका काम शरीर की गंदगी साफ करना, खाना पचाना, शरीर को ऊर्जा देना, पित्त बनाना, खून साफ करना है। लीवर खराब होने से आपको फैटी लीवर, लीवर कैंसर, लीवर सिरोसिस, लीवर में सूजन, पीलिया और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
1) प्रोटीन
प्रोटीन शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी है। इससे आपको ऊर्जा मिलती है और मांसपेशियों का निर्माण होता है। लेकिन पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट के बिना ज्यादा प्रोटीन का सेवन लीवर की समस्याओं का कारण बन सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट हमेशा मीट और अंडे जैसी प्रोटीन वाली चीजों के साथ सब्जियां और स्टार्च से भरपूर फूड भी खाने की सलाह देते हैं।
2) सोडा
कार्बोनेटेड ड्रिंक में शुगर और कैफीन की मात्रा अधिक होती है। अधिक मात्रा में शुगर के सेवन से वो शरीर में स्टोरेबल ग्लाइकोजन में बदलता है। यह एक तरह का ग्लूकोज होता है, जो लीवर को डैमेज कर सकता है। इसलिए आपको अपने लीवर को हेल्दी रखने के लिए ऐसे पेय पदार्थों से दूर रहना चाहिए या बहुत कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
3) ग्रीन टी
पिछले कुछ सालों में ग्रीन टी पीने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, खासकर वजन कम करने वाली खूब पीते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप दिन में एक या दो कप ग्रीन टी पीते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं लेकिन अगर आप ग्रीन टी का ज्यादा सेवन यानी दिन में 4-5 कप से ज्यादा पीते हैं, तो इससे लीवर इंजरी हो सकती है।
4) नमक
नमक के कम सेवन से आपको आयोडीन की कमी हो सकती है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन लीवर की सेहत को बिगाड़ सकता है। खाने की कुछ चीजों में पहले से ही बहुत अधिक मात्रा में नमक होता है, ऐसे में अगर इन चीजों में अलग से नमक मिलाकर खाते हैं, तो इसका सीधा असर आपके लीवर पर पड़ता है।
5) फास्ट फूड
फास्ट फूड में मौजूद फैट और कैलोरी लीवर से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए फास्ट फूड का सेवन कम से कम करें। इन चीजों में अजीनोमोटो का अधिक इस्तेमाल किया जाता है, जो लीवर के लिए खतरनाक है। दरअसल इसमें कैमिकल तत्व मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया जाता है, जो लीवर सूजन और कैंसर का कारण बनता है।
इन 5 तरीकों से साफ कर सकते हैं लीवर में जमा गंदगी
1) संतुलित डाइट
ताजे फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, अंकुरित अनाज, बीज, नट्स और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें। 3 से 4 लीटर पानी नियमित रूप से पिएं, क्योंकि यह पाचन को बढ़ावा देता है और लसीका प्रणाली (लिम्फैटिक सिस्टम) को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
2) योग
योग आसन विषाक्तता के अलावा कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। शरीर को अच्छी तरीके से लचीला बनाने और उचित विधि अपनाने से, आप अपने पाचन में काफी सुधार कर सकते हैं और अपने लीवर को स्वस्थ कर सकते हैं, जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करेगा।
3) एक्सरसाइज
शरीर की सफाई दो मुख्य कारकों पर निर्भर है - विषाक्त पदार्थों के संपर्क से बचने और शरीर में पहले से मौजूद इस तरह की चीज को हटाने से। एक्सरसाइज शरीर में विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने का बेहतर तरीका है। इससे लीवर के कामकाज में सुधार होता है।
3) उपवास
उपवास भी ऑटोफैगी को बढ़ावा देता है, जो तब होता है जब शरीर में स्वस्थ कोशिकाएं अस्वस्थ कोशिकाओं को खाती हैं, यह सेलुलर डिटॉक्स को बढ़ावा देता है। आप 18 घंटे के उपवास के साथ शुरुआत कर सकते हैं और शेष 6 घंटे में सीमित मात्रा में खानपान कर सकते हैं। एक बार जब आप एक सप्ताह के लिए यह प्रयास करते हैं, तो आपको अपने मूड और ऊर्जा में स्वत: परिवर्तन दिखाई देने लगेगा।