Heart Attack: इलाज में देरी के कारण 55 फीसदी लोगों की हो जाती है मौत, मरीजों के लिए हार्ट अटैक का पहला घंटा काफी महत्वपूर्ण, स्टडी में खुलासा
By आजाद खान | Published: June 6, 2023 02:22 PM2023-06-06T14:22:30+5:302023-06-06T14:32:33+5:30
जानकारों की माने तो हर किसी को हार्ट अटैक को लेकर जानकारी रखनी जरूरी है। उनके अनुसार, लोगों को यह पता होना चाहिए कि इस तरह के मरीजों के लिए अटैक का पहला घंटा कितना महत्वपूर्ण है।
Death Due To Heart Attack: हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट को लेकर एक अध्ययन सामने आया है। इस स्टडी में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके अनुसार, जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ता है उन में से अधिकतर लोग सही से और टाइम से इलाज नहीं कर पाते है जिस कारण वे घर में ही मर जाते है।
जानकारों का कहना है कि हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट को लेकर लोगों में कम जानकारी है और इस कारण वे सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते है जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में अगर किसी को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आए तो उसे क्या करना चाहिए, आइए इस स्टडी के माध्ययम से जानने की कोशिश करते हैं। यही नहीं हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि इस समय हमें क्या स्टेप्स उठाना चाहिए।
स्टडी में क्या खुलासा हुआ है
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा फंड किए गए एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि अधिकतर लोग हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की गंभीरता को समझ नहीं सकते है और इस कारण उनकी जान चली जाती है। स्टडी में कहा गया है कि केवल 10.8 फीसदी लोग ही सही समय पर यानी यह कह लें कि अटैक आने के एक घंटे के अंदर ही अस्पताल पहुंच पाते है जिस कारण उनकी जान बच पाती है।
यही नहीं स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि 55 फीसदी लोगों की जान केवल इसलिए चली जाती है क्योंकि वे सही समय पर इलाज नहीं ले पाते है। इस तरीके से इलाज में देरी या फिर घर पर ही रहने से मरने वालें लोगों की संख्या ज्यादा पाई गई है। कई मामलों में लोग इस बीमारी की गंभीरता या फिर ये कह लें कि इसकी जानकारी नहीं होने के कारण और फिर आर्थिक तंगी के कारण भी वे अस्पताल नहीं जा पाते है और उनकी मौत हो जाती है।
क्या है सुझाव
स्टडी में यह बात साफ हुआ है कि जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ता है उन में आधे से ज्यादा लोग अपने घर में ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में जानकार कहते है कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूकता बहुत ही जरूरी है। यही नहीं वे यह भी कहते है कि हर किसी को यह समझना होगा कि इस तरह के मरीज के लिए पहला एक घंटा कितना कीमती होता है। ऐसे में इसे लेकर लोग अपनी जानकारी बढ़ाए ताकि वे इस तरह के केस को ज्यादा से ज्यादा रोक पाएं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)