लाइव न्यूज़ :

16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन चाहिए था गंभीर रोग से पीड़ित बच्ची को, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त दिया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 8, 2022 14:42 IST

स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने लगभग 2 साल की बच्ची को गंभीर स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नामक बीमारी से बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मुफ्त दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देदो साल की बच्ची को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त भेजी दवा16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने मानवीय आधार पर भेजाबच्ची स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नाम की एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित है

हैदराबाद:स्विट्जरलैंड की एक दवा कंपनी ने 23 महीने के एक बच्ची को दुर्लभ जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मुफ्त प्रदान किया है। जानकारी के मुताबिक लगभग 2 साल का यह बच्ची स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नाम की एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित है।

डॉक्टरों के मुताबिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) बीमारी से बच्ची को बचाने के लिए यह इंजेक्शन देना बहुत जरूरी है और इसके बिना इस बीमारी से बच्ची का शरीर लड़ाई नहीं लड़ सकता है। समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रविवार को हैदराबाद के रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में यह इंजेक्शन बीमार बच्ची को जोलगेन्स्मा जीन थेरेपी के द्वारा दी गई।

बताया जा रहा है कि भद्राद्री कोठागुडेम जिले के रेगुबली गांव के रहने वाले रायपुडी प्रवीण और स्टेला की बेटी एलेन के इलाज में लगे डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि एलेन की जिंदगी बचाने के लिए यह इंजेक्शन बहुत आवश्यक है। जिसके बाद बच्ची के मां-बाप ने स्विट्जरलैंड स्थित फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस से संपर्क साधा।

दवा कंपनी को बच्ची की गंभीर हालात के बारे में जानकारी देने के साथ माता-पिता ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। माता-पिता ने कंपनी को बताया कि वो इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये चुकाने में समर्थ नहीं हैं। माता-पिता ने बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए दवा कंपनी से इंजेक्शन मुफ्त में देने की अपील की।

जिसके बाद स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने मानवीय आधार पर बीमारी से पीड़ित एलेन के माता-पिता के अपील को स्वीकार करते हुए यह दवा मुफ्त में भिजवाई।

इस गंभीर बीमरी के संबंध में हैदराबाद के रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर रमेश कोनांकी ने कहा कि एसएमए-1 बीमारी से प्रभावित बच्चों की विकास ठहर जाता है और सामान्य बच्चों की तुलना में उनके शरीर का विकास लगभग शून्य हो जाता है।

उन्होंने बताया कि एलेन दिनचर्या की सामान्य गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर सकती थी क्योंकि विशेष रूप से उसके सिर, गर्दन, हाथ और पैरों में सामान्य गति की क्षमता नहीं रहती और वो भोजन को निगलने पाने में भी पूरी तरह से असमर्थ थी। उसे सांस लेने में भी बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है और उसके शरीर की मांसपेशियों इतनी कमजोरी हो गई हैं कि वो उठ-बैठ भी नहीं सकती है।

डॉक्टर रमेश कोनांकी के मुताबिक 2 साल तक की उम्र के बच्चों में पाये जाने वाली एसएमए बीमारी उनके जीवन के लिए बेहद गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। साल 2019 तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था। हालांकि स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने इस बीमारी का सफल इलाज विकसित कर लिया है, जिसमें इंजेक्शन के जरिये बीमारी से प्रभावित जीन को बदल दिया जाता है।" 

टॅग्स :हैदराबादखम्ममस्विट्जरलैंड
Open in App

संबंधित खबरें

भारतHyderabad RGI Airport: चेक-इन सिस्टम में गड़बड़ी, कई उड़ानों में देरी; यात्रियों में अफरा-तफरी

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

भारतIndia Gate Protest: दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का हैदराबाद से कनेक्शन, दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा; RSU की बैठक में शामिल हुए थे कुछ सदस्य

भारत"आज देश स्पेस सेक्टर में जो देख रहा वैसा पहले नहीं देखा...", स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन में बोले पीएम मोदी

भारतHyderabad Fire Accident: इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम में लगी भीषण आग, 1 की मौत; कई घायल

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत