कोरोना महामारी से मुसीबत में देश, खाकी वर्दी पहनकर ड्यूटी निभा रही ये भारतीय महिला फुटबॉलर
By भाषा | Published: May 26, 2020 08:52 PM2020-05-26T20:52:32+5:302020-05-26T20:52:32+5:30
तमिलनाडु पुलिस की पारंपरिक ‘खाकी’वर्दी में ड्यूटी कर रही इंदुमति को चेन्नई के अन्ना नगर में जांच के लिए रुकने वाले बमुश्किल ही पहचान पाते है...
कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण भारतीय महिला फुटबॉल टीम के ज्यादातर खिलाड़ी घरों में बंद है लेकिन मिडफील्डर इंदुमति कार्तिरेसन पुलिस की वर्दी में चेन्नई में लोगों से सरकार के दिशानिर्देशों को मानने की गुजारिश कर रही है।
तमिलनाडु पुलिस की पारंपरिक ‘खाकी’वर्दी में ड्यूटी कर रही इंदुमति को चेन्नई के अन्ना नगर में जांच के लिए रुकने वाले बमुश्किल ही पहचान पाते है क्योंकि इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए वह चेहरे पर सर्जिकल मास्क और हाथों में दस्ताने पहनती है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की वेबसाइट के मुताबिक इंदुमति ने कहा, ‘‘यह पूरे देश के लिए एक कठिन परिस्थिति है लेकिन जरूरी सावधानी बरतना सभी की सुरक्षा के लिए सर्वोपरि है।’’
Midfielder Indumathi ‘plays for the nation’ 🇮🇳 wearing khaki uniform during #COVID19 pandemic
— Indian Football Team (@IndianFootball) May 26, 2020
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पच्चीस साल की इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि हर कोई दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है और कोई भी बिना जरूरत के बाहर नहीं निकल रहा है।’’
शीर्ष स्तर की फुटबॉलर होने के कारण इंदुमति के लिए अनुशासन और संयमित जीवन कोई नयी बात नहीं है। लॉकडाउन के कारण हालांकि उन्हें मुश्किल दिनचर्या का पालन करना होता है। उन्हें सुबह 7 बजे ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करना होता है और फिर रोजाना लगभग आधी रात तक सड़कों पर गश्त करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये यह काफी चुनौतीपूर्ण समय है। ऐसे कठिन समय में आप अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं, लेकिन मुझे इसके लिए ज्यादा मौका नहीं मिल रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्र के लिए कर्तव्य है। कोविड-19 महामारी के दौरान मुझे हर दिन राष्ट्र के लिए तैयार रहना है।’’
सेतु एफसी टीम के साथ पिछले सत्र का घरेलू खिताब जीतने वाली इंदुमति ने कहा, ‘‘मुझे पुलिस की वर्दी में देश की सेवा करने में बहुत गर्व महसूस होता है ,वह भी ऐसे समय में जब देश को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। मैं तब तक सेवा करती रहूंगी जब तक मेरे राष्ट्र को मेरी सेवा की जरूरत है।’’