भारत की पूर्व महिला फुटबॉलर बेच रही है चाय, चोट के बाद नहीं मिली टीम में जगह
By भाषा | Published: October 30, 2018 02:00 PM2018-10-30T14:00:50+5:302018-10-30T14:00:50+5:30
दस साल पहले देश की नुमाइंदगी करने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगहाली के कारण पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है।
दस साल पहले देश की नुमाइंदगी करने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगहाली के कारण पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है। छब्बीस बरस की कल्पना रॉय अभी भी 30 लड़कों को दिन में दो बार प्रशिक्षण देती हैं। उनका सपना एक बार फिर देश के लिए खेलने का है।
कल्पना को 2013 में भारतीय फुटबॉल संघ द्वारा आयोजित महिला लीग के दौरान दाहिने पैर में चोट लगी थी। उन्होंने कहा,‘‘मुझे इससे उबरने में एक साल लगा। मुझे किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। इसके अलावा तब से मैं चाय का ठेला लगा रही हूं।’’
कल्पना के पिता चाय का ठेला लगाते थे, लेकिन अब वह बढती उम्र की बीमारियों से परेशान हैं। उन्होंने कहा,‘‘सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के लिए मुझे बुलाया गया था, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण मैं नहीं गई। मेरे पास कोलकाता में रहने की कोई जगह नहीं है। इसके अलावा अगर मैं गई तो परिवार को कौन देखेगा। मेरे पिता की तबीयत ठीक नहीं रहती।’’
कल्पना पांच बहनों में सबसे छोटी है। उनमें से चार की शादी हो चुकी है और एक उसके साथ रहती है। उसकी मां का चार साल पहले निधन हो गया। अब परिवार कल्पना ही चलाती है।
कल्पना ने 2008 में अंडर 19 फुटबॉलर के तौर पर चार अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। अब वह 30 लड़कों को सुबह और शाम कोचिंग देती है। वह चार बजे दुकान बंद करके दो घंटे अभ्यास कराती है और फिर दुकान खोलती है।
उन्होंने कहा,‘‘लड़कों का क्लब मुझे 3000 रुपये महीना देता है जो मेरे लिए बहुत जरूरी है।’’कल्पना ने कहा कि वह सीनियर स्तर पर खेलने के लिए फिट है और कोचिंग के लिए अनुभवी भी। उसने कहा,‘‘मैं दोनों तरीकों से योगदान दे सकती हूं । मुझे एक नौकरी की जरूरत है ताकि परिवार चला सकूं।’