FIFA World Cup के ग्रुप डी के सबसे रोमांचक मुकाबले में स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी की टीम अर्जेंटीना को आइसलैंड के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेलना पड़ा। अर्जेंटीना को ड्रॉ खेलने पर मजबूर करने का सबसे बड़ा श्रेय जाता है आइसलैंड के गोलकीपर हेंस थोर हैलडोर्सन को, जिन्होंने मेसी की पेनाल्टी रोकते हुए अपनी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण गोल बचाया।
मेसी की पेनाल्टी रोकने के बाद हेंस ने कहा कि पेनाल्टी को बचाना मेरे लिए सपना सच होने जैसा है। खासकर इसलिए क्योंकि इससे हमारी टीम को एक अंक मिला, जो ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने मेसी की पेनाल्टी की कई क्लिप देखी थी, जिससे मुझे यह अहसास हुआ कि वह मुछ से क्या उम्मीद कर रहे होंने। मुझे लगा कि वह गेंद मेरी दाईं ओर मारेंगा और मैं उसे रोकने में कामयाब रहा।
मेसी की खतरनाक पेनाल्टी को रोकने वाले हेंस की फुटबॉल खेलने की स्टोरी भी काफी रोचक है। हेंस ने साल 2011 में देश के लिए फुटबॉल खेलना शुरू किया था। इससे पहले वो पार्ट टाइम में फिल्म डायरेक्शन का काम किया करते थे। फिल्म छोड़ फुटबॉल में आने के कारण के बारे में हेंस बताते हैं कि उनको फुटबॉल खेलना पसंद है और यह सोचकर फिल्मों से दूरी बना ली कि अगर फुटबॉल में सक्सेस नहीं मिला तो वापस फिल्म लाइन में जाएंगे।
पहली बार विश्व कप खेल रही आइसलैंड की टीम
इस साल आइसलैंड की टीम अपना पहला वर्ल्ड कप खेल रही हैं, इसलिए अर्जेंटीना के आसान जीत की उम्मीद थी। हालांकि, हुआ इसके ठीक उलट और हर मोर्चे पर आइसलैंड के खिलाड़ियों ने कड़ा संघर्ष दिखाया। आक्रमण के साथ-साथ बेहतरीन डिफेंस और गोलकीपर हेंस थोर हैलडोर्सन के दम पर आइसलैंड की टीम हर मोर्चे पर अर्जेंटीना के बराबर साबित हुई।
अर्जेंटीना की टीम खेल रही है 17वां वर्ल्ड कप
फुटबॉल के इतिहास में यह अर्जेंटीना और आइसलैंड के बीच पहला मैच था, जबकि अर्जेंटीना का ये 17वां वर्ल्ड कप है। साथ ही यह लगातार 12वीं बार है जब अर्जेंटीना वर्ल्ड कप खेल रहा है। दिलचस्प ये भी है कि 1978 के बाद से केवल जर्मनी ने अर्जेंटीना से ज्यादा बार फाइनल में जगह बनाई है। जर्मनी 5 बार जबकि अर्जेंटीना 4 बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा है।