भारत में मरते हुए फुटबॉल के खेल में दोबारा जान फूंकने वाले बाइचुंग भूटिया से जुड़ी 10 अनसुनी बातें

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 15, 2017 10:53 AM2017-12-15T10:53:07+5:302017-12-15T11:50:03+5:30

फुटबॉल को भारत में फिर से लोकप्रिय बनाने और एक छोटे से राज्य से निकलकर स्टार फुटबॉलर बनने वाले महान फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया के 41वें जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़ी 10 अनसुनी बातें

10 unknown facts about famous indian footballer Bhaichung Bhutia | भारत में मरते हुए फुटबॉल के खेल में दोबारा जान फूंकने वाले बाइचुंग भूटिया से जुड़ी 10 अनसुनी बातें

बाइचुंग भूटिया

भारत में लगभग मर चुके खेल फुटबॉल के प्रति लोगों में फिर से लगाव पैदा करने का श्रेय जिस फुटबॉलर को जाता है उसका नाम है बाइचुंग भूटिया। भूटिया को भारत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक गिना जाता है। आइए जानें भूटिया के बारे में 10 अनसुनी बातें.

1. बाइचुंग का असली नाम है उग्येन संज्ञेय, जिसका मतलब होता है छोटा। बाइचुंग का जन्म 15 दिसंबर 1976 को सिक्किम के तिनकीतम नामक गांव में हुआ था।

2. बाइचुंग ने महज 5 साल की उम्र में ही फुटबॉल की ट्रेनिंग के लिए अपने घर से काफी दूर स्थित पूर्वी सिक्किम में सेंट जेवियर्स में एडमिशन लिया था। 1992 में उन्होंने भारत की अंडर-16 ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए अपनी 12वीं की परीक्ष छोड़ दी थी।

3. बाइचुंग भूटिया भारत के पहले नेशनल फुटबॉल लीग के टॉप स्कोरर रहे थे। भूटिया ने 1996-97 इस लीग में 14 गोल दागते हुए उस साल के बेस्ट प्लेयर का अवॉर्ड जीता। नेशनल फुटबॉल लीग ही बाद में आई-लीग बनी।

4. भूटिया 1999 में इंग्लैंड (मैनेचेस्टर स्थित लीग वन टीम बरी एफसी) में खेलने वाले मोहम्मद सलीम के बाद भारत के दूसरे फुटबॉलर बने थे।  

5. भूटिया भारत के लिए 100 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर हैं। भूटिया ने भारत के लिए खेले 104 मैचों में 40 गोल दागे हैं। 2013 तक वह भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल दागने वाले फुटबॉलर थे, बाद में उनका ये रिकॉर्ड सुनील छेत्री ने तोड़ा। 

6. 1995 में नेहरू कप के दौरान भारत की उज्बेकिस्तान पर 1-0 से जीत में गोल करते हुए भूटिया (19 साल) भारत के लिए सबसे कम उम्र में गोल दागने वाले फुटबॉलर बने थे।

7. सिक्किम सरकार ने भूटिया के जन्मस्थान नामची में स्थित स्टेडियम का नाम बाइचुंग भूटिया स्टेडियम रखकर उन्हें सम्मानित किया।  

8. भूटिया भारत में तीन क्लबों ईस्ट बंगाल (पांच साल), मोहन बागान (दो साल) और जेसीटी मिल्स (दो साल) खेले, जबकि विदेशी लीग में वह ग्रेटर मैनचेस्टर के लिए बरी एफसी और थोड़े दिन के लिए मलेयिशा के पेराक एफसी के लिए खेले। वह भारत के लिए 1995 से 2001 तक 16 साल तक फुटबॉल खेले। 

9. बाइचुंग ने 2008 के चीन की राजधानी बीजिंग में हुए ओलंपिक में मशाल धारक बनने से इनकार कर दिया था और इसकी वजह उनका तिब्बती आंदोलन के प्रति समर्थन था। 

10. रिटायरमेंट के बाद भूटिया बाइचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल की देखरेख और युवा प्रतिभाओं को तराशने में व्यस्त हैं। साथ ही उन्होंने राजनीति में भी अपना भाग्य आजमाया और 2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दार्जिलिंग से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।

Web Title: 10 unknown facts about famous indian footballer Bhaichung Bhutia

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