यहां टॉयलेट सीट पर सर्व होता है खाना, कमोड पर बैठकर खाते हैं लोग
By मेघना वर्मा | Updated: April 4, 2018 12:24 IST2018-04-04T12:24:44+5:302018-04-04T12:24:44+5:30
इस टॉयलेट गार्डन में आपको 1950 के टॉयलेट सीट देखने को मिलेंगे। नरेन्द्र मोदी और अमिताभ बच्चन जैसी नामी हस्तियां भी यहां आ चुकी हैं।

यहां टॉयलेट सीट पर सर्व होता है खाना, कमोड पर बैठकर खाते हैं लोग
आलिशान होटल, बड़े परदे, रॉयल लुक और एयर कंडीशनर में बिठाकर सर्व किया गया खाना। ऐसे होटलों में अक्सर आपने खाना खाया होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कैफे के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नार्मल चेयर टेबल पर नहीं बल्कि टॉयलेट सीट पर खाना सर्व किया जाता है। यहां लोगों के बैठने के लिए कमोड की सीट लगाई गयी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अहमदाबाद स्थित 'नेचर्स टॉयलेट कैफे की। जहां टेबल से लेकर खाना सर्व करने वाले बर्तनों तक टॉयलेट सीट का इस्तेमाल किया जाता है।
ताइवान के मोर्डेन टॉयलेट रेस्ट्रों की थीम पर बना है ये कैफे
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में बना यह नेचर्स टॉयलेट कैफे ताइवान में बने मोर्डन टॉयलेट रेस्ट्रों की थीम पर बना है। कैफे के संस्थापक जयेश पटेल ने बताया की इस कैफे की नींव उनके पिता ईश्वर पटेल ने रखी थी। जिसके अंतर्गत कैफे के बीच में बने टॉयलेट पार्क को बनवाया गया था। इस गार्डन में 20 से अधिक यूरिनल कमोड्स और टॉयलेट सीट को रखा गया है। हैरानी की बात तो ये है कि इस कैफे में लोगों की भीड़ हमेशा होती है। फैमिली से ज्यादा यहां ऑफिस के लोग आते हैं और कमोड पर बैठकर खाने का मजा लेते हैं।
टॉयलेट की महत्ता बताने के लिए किया निर्माण
हम टॉयलेट सीट को हमेशा ही घिन की नजर से देखते हैं। मगर ये नहीं समझते कि हमारे जीवन में इसकी कितनी महत्ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस टॉयलेट थीम कैफे का निर्माण किया गया था। इसके साथ ही हाइजिन और साफ-सफाई का संदेश देना भी इस कैफे का एक उद्देश्य है।
नरेन्द्र मोदी और अमिताभ बच्चन तक कर चुके हैं सैर
अब तक इस कैफे में नरेन्द्र मोदी और अमिताभ बच्चन जैसी नामी हस्तियां आ चुकी हैं। समाज में सफाई कर्मचारियों को भी बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए और लोगों को उनके काम की इज्जत करनी आनी चाहिए। इसी उद्येश्य से यह कैफे बनाया गया है, नेता, व्यापारी, ऐनजीओ वाले कई तरह के लोग यहां पर अपनी मीटिंग भी करना पसंद करते है। यहां पर गार्डन में प्रोजेक्टर भी लगाए जाते हैं जहां पर लोग एक साथ बैठकर फिल्में देखते हैं। शाम के समय इस रेस्टोरेंट का नज़ारा देखने लायक होता है।
1950 के दिखेंगे टॉयलेट सीट्स
नेचर्स टॉयलेट कैफे के टॉयलेट गार्डन में आपको 1950 के टॉयलेट सीट देखने को मिलेंगे। 1967 में जयेशभाई पटेल के पिता ईश्वरभाई पटेल ने टॉयलेट गार्डन का विकास किया था जिससे प्रभावित होकर उनके बेटे ने ये थीम रेस्टोरेंट खोला है। ईश्वरभाई पटेल को मिस्टर टॉयलेट ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। सफाई विद्यालय की नींव भी उन्होंने ही रखी थी। सफाई विद्यालय में सभी बाथरूम्स के अलग नाम भी रखे गए हैं। यहां इलेक्ट्रिसिटी और कुकिंग के लिए बायो-गैस का इस्तेमाल किया जाता है जो वेस्ट से बनती है। वर्ल्ड बैंक ने भी इस सफाई विद्यालय के लिए 5 लाख रुपये दिए थे।



