लाइव न्यूज़ :

बिहू 2018:असम में ऐसे मनाते हैं बिहू, इन खास व्यंजनों के साथ करते हैं नए साल का स्वागत

By मेघना वर्मा | Updated: April 13, 2018 10:28 IST

बोहाग बिहू या रोंगाली के महत्व को फसलों की कटाई से जोड़कर देखा जाता है। इसके साथ ही वसंत की शुरुआत होती है।

Open in App

भारत में अनेकों संस्कृतियों की झलक मिलती है। कहीं रंग-बिरंगा राजस्थान दिखता है तो कहीं लखनवी नवाबी अंदाज। संस्कृति के साथ भारत में त्यौहार की भी विविधता दिखती है। इन त्योहारों के साथ देश में नए साल की भी शुरुआत मानी जाती है और इसी के चलते भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में असम का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार 'बिहू' का जश्न आज से ही दिखाई देने लगा हैं. इस त्योहार के साथ ही नये साल की शुरुआत मानते हैं। इस दिन सूर्य मेष में गोचर करता है, इसलिए नये सौर कैलेंडर की शुरुआत माना जाता है इसे। इस साल यह 15 अप्रैल को मनाया जाएगा।

'बिहू' जश्न से भगवान को कहते हैं शुक्रिया

वैसाखी की ही तरह बिहू भी किसानों का त्योहार होता है। अपने फसल की कटाई करके आज के दिन किसान ईश्वर को फसल के लिए बधाई देते हैं। असम में आज के दिन सभी घरों में नए अनाज से ही स्वादिष्ट पकवान तैयार किया जाते हैं। हालाकिं बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है क्यूंकि साल में तीन बार अनाजों की कटाई होती है लेकिन इस समय पड़ने वाले बिहू को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा पहला होता है भोगाली बिहू या माघ बिहू, दूसरा होता है बोहाग बिहू या रोंगाली और तीसरा होता है कोंगाली बिहू। बोहाग बिहू अप्रैल के महीने में मनाई जाती है। बैसाखी, विषु और तमिलनाडु के नये साल की तरह।

ये भी पढ़े: बनारस के मणिकर्णिका घाट पर होता है मृत्यु का उत्सव

हर दिन का अपना अलग होता है महत्त्व

बोहाग बिहू या रोंगाली के महत्व को फसलों की कटाई से जोड़कर देखा जाता है। इसके साथ ही वसंत की शुरुआत होती है। इस दिन लोग तरह-तरह के पकवान बनाते हैं, गाना गाते हैं और नृत्य करते हैं। इस त्योहार में असम के लोग बिहू डांस भी करते हैं। यह एक दिन का नहीं, बल्कि सात दिनों का त्योहार है और इसके हर दिन का अलग ही महत्व है। त्योहार मनाने के लिए लोग सुबह जल्दी उठते हैं और स्नान कर लेते हैं। नहाने के लिए वह कच्ची हल्दी और उड़द दाल के पेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। 

इन स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ होता है जश्न

खार

असम के लोगों के लिए खास बहुत ही महत्वपूर्ण डिश है। इसमें अल्केलाइन या कहें कि क्षारीय तत्व डाला जाता है और पपीते के साथ-साथ जले हुए केले के तने का इस्तेमाल भी किया जाता है। इससे पेट की सफाई हो जाती है।

ये भी पढ़े: नागपुर: यहां मिलता है स्पेशल रेसिपी से बना पोहा, एक घंटे में बिक जाते हैं 200 प्लेट

खोये का पिट्ठा

अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं तो ये रेसिपी आपके लिए हैं। आज हम आपको बनाना सिखाएंगे 'खोये का पिट्ठा'।

आलू पितिका

आलू पितिका सबसे आरामदायक डिश में से एक है। बिहार में इसे चोखा कहते हैं। उबले आलू को मसलकर, उसमें प्याज, हरी मिर्च, हरी धनिया पत्तियां, नमक और सरसों तेल डाला जाता है। आमतौर पर इसे चावल दाल और नींबू के साथ सर्व किया जाता है।

टॅग्स :ट्रिप आइडियाजहेल्थी फूडअसम
Open in App

संबंधित खबरें

भारतअसमः एक से ज्यादा शादी किया तो जुर्म?, मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा- धर्म से परे और इस्लाम के खिलाफ नहीं?, जानें क्या है कानून

भारत"गायक जुबिन गर्ग की मौत स्पष्ट तौर पर हत्या", असम सीएम हिमंत बिस्वा का दावा

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

क्रिकेटRishabh Pant Captaincy Reaction: टीम इंडिया में सबकुछ ठीक नहीं क्या?, 1 मैच का कप्तान बनकर खुश नहीं ऋषभ पंत?, वायरल

क्रिकेटIndia vs South Africa, 2nd Test: गिल नहीं ये खिलाड़ी करेगा कप्तानी?, स्पिन पहेली से कैसे निपटेंगे भारतीय बल्लेबाज?, कोलकाता मैच याद ताजा, सुबह 9 बजे से मैच शुरू

खाऊ गली अधिक खबरें

खाऊ गलीChaitra Navratri 2023: नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत रखने के साथ ऐसे रहे हेल्दी, पूरे दिन ऊर्जावान रहने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके

खाऊ गलीबनारस में आ गई विश्व प्रसिद्ध 'मलइयो' की बहार, एक बार चख लेंगे तो भूल नहीं पाएंगे इसका स्वाद

खाऊ गलीनवरात्र: कई खूबियों वाले कनोला ऑयल के फायदे जानते हैं आप ?

खाऊ गलीसावन फलहारी रेसेपी: सावन के व्रत में खाएं, चटपटी मखाना भेल, स्वाद के साथ मिलेगा पोषण-चटपट ऐसे केरं तैयार

खाऊ गलीFood Gully: चखिए प्रीत विहार के मशहूर आलू टिक्की चाट का जायका, देखिए ये खास एपिसोड